तरुण सागर जी संत प्रवचन

श्री तरुण सागर जी महाराज 17

Written by Bhakti Pravah

” माँ – बाप की आँखों मे दो बार ही आंसू आते है |
एक तो लड़की घर छोड़े तब और दूसरा लड़का मुह मोड़े तब | पत्नी पसंद से मिल सकती है |
मगर माँ तो पुण्य से ही मिलती है | इसलिए पसंद से मिलने वाली के लिए पुण्य से मिलने वाली को मत ठुकरा देना |
जब तू छोटा था तो माँ की शय्यां गीली रखता था , अब बड़ा हुआ तो माँ की आँख गीली रखता है | तू कैसा बेटा है  ?
तूने जब धरती पर पहला साँस लिया तब तेरे माँ – बाप तेरे पास थे | अब तेरा फ़र्ज़ है की माता – पिता जब
अंतिम सांस ले तब तू उनके पास रहे | “

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