” आज जैन समाज के सामने अपने को शाकाहारी बनाये रखने की सबसे बड़ी चुनोती है |
महावीर के मोक्ष के बाद इन २५०० वर्षो मई जैन समाज कई बार बटा है | और बटवारा कभी दिगम्बर जैन -श्वेताम्बर जैन
के नाम से तो कभी तेरापंथी जैन – बीसपंथी जैन के नाम से हुआ है | मगर अब जो बटवारा होगा वह दिगम्बर जैन –
श्वेताम्बर जैन , तेरापंथी जैन – बीसपंथी जैन , स्थानकवासी जैन और मंदिरमार्गी जैन जैसे नाम से नहीं होंगा बल्कि
‘शाहाकारी- जैन ‘और ‘ मान्शाहारी – जैन ‘ के नाम से होंगा | अगर ऐसा हुआ तो याद रखना महावीर हमें कभी क्षमा नहीं करेंगे | ” चली जाया करती है | “
Leave a Comment