भाग्य साथ दे तो थोड़े प्रयास में उन्नति सरलता से मिल जाती है। भाग्य साथ न दे तो जितना भी श्रम करो सफलता नहीं मिलती। कहने का तात्पर्य यह है कि भाग्य छल करे तो उन्नति या सफलता नहीं मिलती है। भाग्य छल कर रहा हो तो यहां वर्णित सरल प्रयोग करें, प्रभु शुभ करेंगे।
आप बाजार से अपनी सुविधानुसार किसी भी रविवार को बाजरा खरीद लाईए। यदि यह आपके घर पर उपलब्ध है तो आप उसमें से भी ले सकते हैं।
सूर्यास्त से एक घंटा पूर्व बाजरा लेकर बिना बोले किसी नहर या तालाब के किनारे आ जाईए। अब आप वह स्थान देखें जहां मछलियां हों। अब नदी के किनारे बैठकर थोड़ा सेा बाजरा एक हाथ में ले लें और दूसरे से बाजरे पर पानी डालते हुए हथेलियों की अंगुलियों के मध्य के छेद से निकालकर बहा दें। धीरे-धीरे साथ लाया हुआ बाजरा इसी तरह बहा दें। यह क्रिया करते समय हथेली बदलना चाहें तो बदल सकते हैं। इस क्रिया को करते समय अपने इष्टदेव का स्मरण करते रहें। क्रिया पूर्ण करके घर लौट आएं।
यह क्रिया पांच रविवार को दोहराएं।
सफलता के साथ आपने यह क्रिया कर ली तो यह समझ लें कि भाग्य आपसे छल नहीं करेगा। रुके कार्य पूर्ण हो जाएंगे। उन्नति या सफलता में कोई बाधा आ रही है तो वह दूर हो जाएगी। जीवन में सफलता आसानी से मिल जाएगी। आप भी लाभ उठाएं और किसी दूसरे को भी यह क्रिया बताएं जिसके साथ भाग्य छल कर रहा हो
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