बुध का पहले भाव में फल
पहले घर में स्थित बुध जातक को दयालु, विनोदी और प्रशासनिक कौशल के साथ राजनयिक बनाता है। आमतौर पर ऐसा लम्बे समय तक जीता है, स्वार्थी हो जाता है तथा स्वभाव से नटखट होकर, मांशाहार और मदिरा पान की ओर आकृष्ट हो जाता है। जातक को सरकार से मदद मिलती है और उसकी बेटियां राजसी जीवन जीती हैं। जिस भाव में सूर्य बैठा है उस भाव से संबंधित रिश्तेदार बहुत कम समय में खूब पैसा कमा कर धनवान बन जाते हैं। स्वयं जातक के पास भी आमदनी के कई स्रोत होते हैं। यदि सूर्य बुध के साथ पहले भाव में हो अथवा बुध सूर्य के द्वारा देखा जाता हो तो जातक की पत्नी किसी अमीर और कुलीन परिवार से आएगी और अच्छे स्वभाव वाली होगी। ऐसा जातक मंगल से दुष्प्रभावी हो सकता है लेकिन इसे सूर्य से बुरे परिणाम नहीं मिलेंगे। राहु और केतु बुरे प्रभावी होंगे जो जातक के वंशजों और ससुराल वालों के लिए हानिकारक होंगे। पहले घर में स्थित बुध के कारण जातक दूसरों को प्रभावित करने की कला में माहिर होगा और वह किसी राजा की तरह जिएगा। पहले घर में बुध नीच का हो और चंद्रमा सातवें घर में हो तो जातक नशे के कारण अपना विनाश कर लेता है।
उपाय:
(1) हरे रंग और सालियों से यथासंभव दूर रहें।
(2) अंडा, मांस और मदिरा का सेवन न करें।
(3) घूम फिर कर करने वाले व्यापार से एक ही स्थान पर बैठ कर करने वाला व्यापार अच्छा और फायदेमंद रहेगा।
बुध का दूसरे भाव में फल
दूसरे भाव में स्थित बुध जातक को बुद्धिमान, आत्मकेन्द्रित, दुश्मनों का विनाशक और धोखेबाज बनाता है। वह अपने पिता को पर्याप्त सुख देने में सक्षम होगा। वह धनवान होगा। मंगल और शुक्र से संबंधित चीजें फायदेमंद रहेंगी।
(1) अंडे, मांस और शराब से बचें।
(2)सालियों से संबंध हानिकारक होंगे।(3) भेड़, बकरी, और तोता पालना सख्त वर्जित है।
बुध का तीसरे भाव में फल
तीसरे घर में बुध
अच्छा नहीं माना जाता। बुध ग्रह, मंगल ग्रह शत्रु है लेकिन मंगल ग्रह बुध से शत्रुता नहीं मानता। इसलिए जातक अपने भाई से लाभ प्राप्त करते हैं, लेकिन वह अपने भाई या दूसरों के लिए फायदेमंद नहीं होगा। इसके नौवें तथा ग्यारहवें घर में दृष्टि प्रभाव के कारण जातक की आय और पिता की हालत पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उपाय:
(1) हर रोज फिटकिरी से अपने दाँत साफ करें।
(2) पक्षियों की सेवा करें और एक बकरी दान करें।
(3) दक्षिण्मुखी घर में न रहें।
(4) अस्थमा की दवाएं वितरित करें।
बुध का चौथे भाव में फल
चौथे घर में बुध
वाला जातक भाग्यशाली माना जाता है, अपनी माँ का दुलारा, अच्छा व्यापारी और सरकार से लाभ पाने वाला होता है। हालांकि इस घर में बुध जातक की आय और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
उपाय:
(1) मानसिक शांति के लिए चांदी की चेन पहने और धन-संपत्ति पाने के लिए सोने की चेन पहनें।
(2) माथे पर 43 दिनों के लिए नियमित रूप से केसर का तिलक लागाएं।
(3) बंदरों को गुड खिलाएं और उनकी सेवा करें।
बुध का पांचवें भाव में फल
इस घर में बुध जातक को खुश, अमीर और बुद्धिमान बनाता है। जातक के मुह से अचानक निकली बातें सच हो जाया करेंगी। यह स्थिति और भी बेहतर होगी यदि चंद्रमा या कोई पुरुष ग्रह तीसरे, पांचवें, नौवें या ग्यारहवें घर में स्थित हो। लेकिन यदि चंद्रमा और बृहस्पति अच्छे भावों में न हों तो बुध हानिकारक हो जाता है।
उपाय:
(1) धन प्राप्त करने के लिए सफेद धागे में तांबे का एक सिक्का पहनें।
(2) पत्नी की प्रसन्न्ता और अच्छी किस्मत लिए गायों की सेवा करें।
(3) गोमुखी घर (सामने संकीर्ण और अंत में व्यापक) अत्यधिक शुभ साबित होगा जबकि शेरमुखी घर (सामने व्यापक और अंत में संकरा) अत्यधिक विनाशकारी साबित होगा।
बुध का छठें भाव में फल
छठवें घर में बुध उच्च का होता है। जातक आत्मनिर्भर और कृषि भूमि, स्टेशनरी, प्रिंटिंग प्रेस और व्यापार से लाभ प्राप्त करने वाला होता है। उसके मुंह से निकलने वाले शब्द चाहे अच्छे हों या बुरे, कभी भी बेकार नहीं जाते। उत्तर दिशा की ओर मुंह वाला घर बुरे प्रभाव देगा। उत्तर दिशा में बेटी की शादी करने से जातक को हर तरह से दु:ख मिलेगा।
उपाय:
(1) कृषि भूमि में गंगा जल से भरा बोतल दफनाएं।
(2) अपनी पत्नी के बाएं हाथ में चांदी की एक अंगूठी पहनांए।
(3) किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत किसी कन्या या बेटियों की उपस्थिति में करें अथवा हाँथ में फूल लेकर करना शुभ रहेगा।
बुध का सातवें भाव में फल
पुरुष कुंडली में सातवें घर में स्थित बुध जातक के शुभचिंतकों के लिए शुभ परिणाम देता है। स्त्री जातक की कुण्डली में भी यह अच्छा परिणाम देता है। जातक की कलम में तलवार से ज्यादा ताकत होगी। जातक की शाली हर लिहाज़ से सहयोगी सिद्ध होगी। यदि चन्द्रमा पहले भाव में स्थित हो तो विदेश यात्रा लाभकारी रहेगी।
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