शरीर की रक्तवाहिनियों में अवरोध या किसी अन्य खराबी के कारण जब हार्ट पर शरीर को रक्त भेजने में ज्यादा दबाव पड़ता है, उसे उच्च रक्तचाप कहते हैं। इसमें अवलंब कफ तथा प्राण और व्यान वायु दोनों दूषित हो जाते हैं। आयुर्वेद में आम इसका मूल कारण माना जाता है, इसे कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। जब कफ तथा वात दूषित हो जाते हैं तो उसका सीधा प्रभाव रक्त पर पड़ता है। एलोपेथी मरीज को तुरंत राहत देने के सिद्धांत पर आधारित है। इसलिए इसमें ऐसी औषधियां दी जाती हैं जिससे रक्त में आया वेग एक बार तुरंत शांत हो जाता है। ये औषधियां जीवनभर लेनी पड़ती है।
1. रक्तवेगहोशांत 100 ग्राम पानी में आधा नींबू निचोड़ कर दिन में दो-दो घंटे से पीएं। नासिका के बाएं छिद्र से लगातार आधा घंटा सांस चलाएं। दालचीनी चूसें या उसकी दो ग्राम मात्रा पानी से लें। रीढ़ की हड्डी पर गीली पट्टी बांधे या चादर पर बर्फ डालकर उस पर लेट जाएं। कुछ दिनों तक उबले काले चनों की चाट मसाला तथा चूना मिलाकर खाएं। इसके अतिरिक्त योगासन तथा प्राणायाम जैसे भ्रामरी, अनुलोम विलोग, उज्जाई, शीतल, मेडिटेशन और शवासन भी बहुत उपयोगी है।
2. आहार-विहार पेट साफ न हो, तो रात में करीब 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से लें। प्रतिदिन सारे शरीर पर तिल के तेल की मालिश करें। सप्ताह में कम से कम 5 दिन 35 मिनट तक तेज गति से सैर करें। दिन भर में करीब 3 लीटर पानी अवश्य पीएं। गेहूं, जौ तथा चने की मिश्रित रोटी खाएं, छाछ लें। माह में एक दिन पूरा उपवास रखें तथा 15 दिनों में केवल एक बार फल खाएं और सब्जियों का रस लें। फल जो आपके लिए उपयोगी होंगे वह- सेब, पपीता, नारंगी, तरबूज, केला, आंवला आदि। सब्जियों में, पालक, सफेद लौकी, टमाटर, गाजर, कच्चे आलू, प्याज, पेठा आदि लाभकारी होती हैं। अखरोठ तथा रात को भिगोए बादाम लें। दिन भर में 5 ग्राम से अधिक नमक न लें।
3. उपयोगी घरूलू नुस्खे प्याज का रस तथा शहद बराबर मात्रा में मिलाकर 10 ग्राम मात्रा में लें। किसी भी रूप में लहसुन की 4-5 कलियां प्रतिदिन लें। रात में खसखस के बीज तथा तरबूज के बीज की 5-5 ग्राम मात्रा थोड़े से दूध में पीसकर खाएं। ऊपर से एक ग्लास दूध तथा एक सेब लें। आंवला चूण तथा मिश्री चूर्ण मिला कर रोजाना सवेरे लें। रक्तचाप धीरे धीरे ठीक हो जाएगा।
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