वास्तु

बच्चों की पढ़ाई को लेकर हमेशा चिंता

Written by Bhakti Pravah

घर की दीवारों के लिए हल्का गुलाबी, हल्का नीला, ब्राउनिश ग्रे या ग्रेइश येलो रंग का ही प्रयोग करें। ये रंग शांत और प्यार को बढ़ाने वाले हैं। वास्तु: पाएं परीक्षा में अधिक अंक माता- पिता को बच्चों की पढ़ाई को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है। आजकल काम्पीटिशन इतना बढ़ गया है कि बच्चे भी अधिक अंक लाने के लिए खुब मेहनत करते हैं पर उनकी मेहनत का कई बार उन्हें उचित परिणाम नहीं मिलता है। कुछ बच्चों के साथ यह समस्या होती है कि उनका मन पढ़ाई करते समय एकाग्र नहीं होता है। कहा जाता है कि वास्तु और फेंगशुई से इस समस्या का निवारण संभव है। प्रकृति में सकारात्मक और नकारात्मक दो तरह की ऊर्जा प्रवाहित हो रही है। वास्तु फेंगशुई का काम है, दोनों ऊर्जाओं को संतुलित राखना और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देना।

इसके लिए हमें वास्तु और फेंगशुई के कुछ साधारण नियमों का पालन करना चाहिए
बच्चों की पढ़ाई की मेज पर एज्युकेशन टावर रखें। जिससे ऊपर उठने की प्रेरणा मिलती है और एकाग्रता बढ़ती है।

मेज के ऊपर किसी भी प्रकार का बीम छज्जा आदि नहीं होना चाहिए

मेज के ऊपर पिरामिड लगा सकते हैं। इससे पिरामिड की दीवारों से ऊर्जा टकराकर जातक के सिर पर पड़ती है। जिससे उसकी स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।

अध्ययन कक्ष में करने की मेज कभी भी कोने में नहीं होनी चाहिए। अध्ययन के लिए मेज कक्ष के मध्य में होनी चाहिए। दीवार से कुछ हटकर होनी चाहिए।

बच्चों का मुंह पढ़ाई करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में रहना चाहिए। इससे सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता रहता है। जिससे बच्चे स्वस्थ रहते हैं। अध्ययन कक्ष में एकाग्रता हमेशा बनी रहती है।

अध्ययन की मेज पर अधिक अनावश्यक पुस्तकें नहीं होनी चाहिए।

बच्चे की सोने की दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सिर दक्षिण दिशा में होनी चाहिए।

बच्चों के कमरे में टेलीफोन डीवीडी आदि मनोरंजन की वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए। बाथरुम का वास्तु हो कुछ इस तरह… किसी भी घर का बाथरुम कैसा है? यह बात किसी आने वाले पर गहरा प्रभाव डालती है। बाथरुम का इंटीरियर किसी भी घर की शोभा होती है। हर घर के वास्तु में बाथरुम का भी विशेष महत्व होता है।

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