स्वास्थय

प्लास्टिक की बोतल में दूध पिलाने के भयंकर दुष्परिणाम

Baby Born
Written by Bhakti Pravah

प्लास्टिक की बोतल में दूध पिलाने के भयंकर दुष्परिणाम

छोटे बच्चों को दूध पिलाने के लिए अमूमन हम सभी के घरों में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल किया जाता है. प्लास्टिक की इन बोतलों के इस तरह के इस्तेमाल की सबसे प्रमुख
वजह ये है कि एक तो ये बेहद आसानी से मिल जाती हैं और दूसरे बेहद सस्ती होती हैं.
ज्यादातर लोग प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल इसलिए भी करते हैं क्योंकि इनके टूटने- फूटने का खतरा बहुत कम होता है. पर क्या आप जानते हैं बच्चे को प्लास्टिक की बोतल से दूध पिलाना उसके स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.

प्लास्टिक कई तरह के रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है. जब इसमें बच्चे को पिलाने वाला गर्म दूध डाला जाता है तो इसमें मौजूद रासायनिक तत्व दूध के साथ मिल जाते हैं.
जिसके बाद यह दूध काफी खतरनाक हो जाता है. प्लास्टिक की बोतल में दूध पीना का सबसे बुरा असर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है. इसके अलावा यह बच्चे के मस्तिष्क पर भी नकारात्मक असर करता है. 

कई बार यह प्रजनन क्षमता पर भी असर डाल सकता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि बच्चे को दूध किस बोतल से पिलाया जाए?

इसका विकल्प

बच्चे को दूध पिलाने के लिए स्टील की बोतल का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. माता बच्चें को कम से कम छह:महिने केवल अपना ही दूध पिलाये यदि माता को कम दूध बनता है उसका भी साधारण सा उपचार है  फिर 7वे या 8 वे महिने में बच्चों को बहुत छोटी कटोरी या गिलास इत्यादि में दूध पीने के लिए सिखाये बल्कि उनके सामने बैठकर आप भी दूध पीये बच्चे आपसे ही सीखते हैं  छोटी सी कटोरी में दूध पिलाना सीखेगा

एक विशेष ध्यान ये भी रखे कि बच्चों को देशी गाय का ही दूध दे  क्योंकि ये दूध बच्चों के लिए प्रथ्वी पर अम्रत है और पतला भी होता है जो बच्चों को पचाने में आसानी होती है साथ
ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दूध फ्रेश हो और उसमें किसी तरह की मिलावट न हो.

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