प्रदोष काल यानी दिन-रात के मिलन की घड़ी में भगवान शिव की पूजा व उपासना बहुत शुभ फलदायी मानी गई है। भगवान शिव व महालक्ष्मी का जगत में भ्रमण काल शाम व रात्रि के शुभ कालों में ही माना गया है। शास्त्रों में शिव नाम का भाव व मतलब ही कल्याण करने वाला बताया गया है। इसलिए ये घड़ियां ज्योतिष शास्त्रों में भी आशुतोष शिव व देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अचूक मानी गईं हैं।
खासतौर पर ज्योतिष शास्त्रों में महालक्ष्मी व शिव भक्ति के सभी शुभ दिनों में कई ग्रह दोष और उनकी पीड़ाओं से मुक्ति की चाहत से हर राशि के व्यक्ति के लिए, शाम को भगवान शिव की पूजा व उपासना के विशेष उपाय बताए गए हैं। इनका शिव आराधना के समय पालन करने पर हर कोई मनचाहा फल पा सकता है। वैसे सभी राशि के लोग शिव पूजा किसी भी विधि से कर सकते हैं लेकिन यहां बताए जा रहे शिव पूजा के खास उपाय हर शाम मंगलकारी व असरदार सिद्ध होते हैं- सबसे पहले हर राशि का व्यक्ति शिव पूजन से पहले काले तिल जल में मिलाकर स्नान करे। शिव पूजा में कनेर, मौलसिरी और बेलपत्र जरूर चढ़ावें। इसके अलावा जानिए कि किस राशि के व्यक्ति को किस पूजा सामग्री से शिव पूजा शुभ व
मनचाहे फल देती है –
मेष – इस राशि के व्यक्ति जल में गुड़ मिलाकर शिव का अभिषेक करें। शक्कर या गुड़ की मीठी रोटी बनाकर शिव को भोग लगाएं। लाल चंदन व कनेर के फूल चढ़ावें।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ पशुपतये नम:
वृष- इस राशि के लोगों के लिए दही से शिव का अभिषेक शुभ फल देता है। इसके अलावा चावल, सफेद चंदन, सफेद फूल और अक्षत यानी चावल चढ़ावें।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ शर्वाय नम:
मिथुन – इस राशि का व्यक्ति गन्ने के रस से शिव अभिषेक करे। अन्य पूजा सामग्रियों में मूंग, दूर्वा और कुशा भी अर्पित करें।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ विरूपाक्षाय नम:
कर्क – इस राशि के शिवभक्त घी से भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही कच्चा दूध, सफेद आंकड़े का फूल और शंखपुष्पी भी चढ़ावें।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ महेश्वराय नम:
सिंह – सिंह राशि के व्यक्ति गुड़ के जल से शिव अभिषेक करें। वह गुड़ और चावल से बनी खीर का भोग शिव को लगाएं। गेहूं और मंदार के फूल भी चढ़ाएं।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ अघोराय नम:
कन्या – इस राशि के व्यक्ति गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव को भांग, दुर्वा व पान चढ़ाएं।
यह शिव मंत्र बोले– ॐ त्र्यम्बकाय नम:
तुला – इस राशि के जातक इत्र या सुगंधित तेल से शिव का अभिषेक करें और दही, शहद और श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाएं। सफेद फूल भी पूजा में शिव को अर्पित करें।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ ईशानाय नम:
वृश्चिक – पंचामृत से शिव का अभिषेक वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शीघ्र फल देने वाला माना जाता है। साथ ही लाल फूल भी शिव को जरुर चढ़ाएं।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ विश्वरूपिणे नम:
धनु – इस राशि के जातक दूध में हल्दी मिलाकर शिव का अभिषेक करे। भगवान को चने के आटे और मिश्री से मिठाई तैयार कर भोग लगाएं। पीले या गेंदे के फूल पूजा में अर्पित करें।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ शूलपाणये नम:
मकर – नारियल के पानी से शिव का अभिषेक मकर राशि के जातकों को विशेष फल देता है। साथ ही उड़द की दाल से तैयार मिष्ठान्न का भगवान को भोग लगाएं। नीले कमल का फूल भी भगवान का चढ़ाएं।
शिव मंत्र – ॐ भैरवाय नम:
कुंभ – इस राशि के व्यक्ति को तिल के तेल से अभिषेक करना चाहिए। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं और शमी के फूल से पूजा में अर्पित करें। यह शनि पीड़ा को भी कम करता है।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ कपर्दिने नम:
मीन – इस राशि के जातक दूध में केशर मिलाकर शिव पर चढ़ाएं। भात और दही मिलाकर भोग लगाएं। पीली सरसों और नागकेसर से शिव का चढ़ाएं।
यह शिव मंत्र बोले – ॐ सदाशिवाय नम:
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