मुख्य द्वार से प्रकाश व वायु को रोकने वाली किसी भी प्रतिरोध को द्वारवेध कहा जाता है –
अर्थात् मुख्य द्वार के सामने बिजली, टेलिफोन का खम्भा, वृक्ष, पानी की टंकी, मंदिर, कुआँ आदि को द्वारवेध कहते हैं।
भवन की ऊँचाई से दो गुनी या अधिक दूरी पर होने वाले प्रतिरोध द्वारवेध नहीं होते हैं। द्वारवेध निम्न भागों में वर्गीकृत किये जा सकते हैं-
स्तंभ वेधः मुख्य द्वार के सामने टेलिफोन, बिजली का खम्भा, डी.पी. आदि होने से रहवासियों के मध्य विचारों में भिन्नता व मतभेद रहता है, जो उनके विकास में बाधक बनता है।
स्वरवेधः द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती है जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है।
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