हमारे घर या बिज़नेस के स्थान पर हर दिन हम पूजा करते है इसे श्रद्धा कहें या कुछ भी पर यह हमारे धर्म का अटूट हिस्सा है। वैसे तो इतने सालों में हमने अपने बड़ों से पूजा के तरीकों के बारे में काफी कुछ सीखा है पर फिर भी कई बातें ऐसी है जिनका हम बिलकुल भी ध्यान नही रखते |
आइये जानते है पूजा करते समय किन बातों को ध्यान में रखना ग्रंथों में लिखा है –
पूजा के लिए फूल हमेशा नहाने के बाद ही तोड़ने चाहिए वायु पुराण के अनुसार देवता ऐसे पुष्पों को ग्रहण नही करते। इसलिए जल्दी भी हो तो भी नहाने से पहले ही तुलसी के पत्ते या पुष्प तोड़ कर न रखें।
भगवन को पूजा करते समय दीप या धुप जरूर दिखाई जानी चाहिए तथा पूजा में भोग को अवश्य शामिल करें। जलाये गए दीपक को स्वयं कभी नही बुझाना चाहिए।
अगर आप भगवन गणेश जी की पूजा कर रहे है तो ध्यान रखें गणेश जी को कभी भी तुलसी के पत्ते नही चढ़ाने चाहिए गणेश जी को लगने वाला भोग भी बिना तुलसी के पत्तों का ही हो ये ध्यान रखना चाहिए।
शिव भगवान की तीन परिक्रमा करनी चाहिए, भगवन श्री गणेश जी की भी तीन और विष्णु भगवान की चार परिक्रमा करनी चाहिए सूर्य देव की साथ परिक्रमा करनी चाहिए ऐसा लिंगार्चन चन्द्रिका में लिखा है।
चमड़े की कोई वस्तु जैसे बटवा या बेल्ट पहन कर या पास रखकर पूजा में नही जाएँ और ना ही पूजा करनी चाहिए साथ ही पूजा स्थल पर सफाई और पवित्रता की विशेष संभाल होनी चाहिए किसी भी व्यक्ति को चप्पल पहन कर पूजा स्थान में प्रवेश नही करना चाहिए। ध्यान रखें पूजा वाले स्थान के ऊपर को वजनी वस्तु ना रखें।
भगवान शिव को यदि आप शंख से जल चढ़ाते है तो तुरंत बंद कर दें और ना ही हल्दी चढ़ावें। इन दोनों ही कामों का शिव पूजन में निषेध है ऐसा शास्त्रों में लिखा है।
भगवान को कभी पुराना जल या पुराने या सूखे पुष्प नही अर्पित करें। गंगाजल और तुलसी के पत्ते कभी बासे नही होते इनके तो कभी भी पूजा में उपयोग में लाया जा सकता है।
ध्यान रखें पूजा में घी का दीपक अपने बायीं और और तेल का अपने दायीं और रखना चाहिए तथा भगवन के तिलक हमेशा सबसे छोटी ऊँगली के पास वाली ऊँगली से ही करना चाहिए।
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