योगा टिप्स

पद्मासन के लाभ और पद्मासन की विधि

Padmasann Yoga
Written by Bhakti Pravah

पद्मासन का अर्थ होता है कमल यानी कमल का आसन। यह योग का एक एैसा आसन है जिसमें शरीर को कमल के आसन में बैठने का आकार दिया जाता है। यह आसन केवल ध्यान में बैठने का तरीका है। लेकिन इस आसन से शरीर को काफी लाभ मिल सकते हैं। वैदिकवाटिका आपको पद्मासन के तरीकों और इसके फायदों को आप को बताएगा। ताकि आप निरोगी रह सकें।

पद्मासन का तरीका
1. किसी समतल जगह पर एक दरी अथवा साफ कपड़ा बिछाएं।
2. धीरे-धीरे पैरों को मोडे़ं और पैरों के पंजे को दूसरे पैर की जांघ पर आराम से रखें।
3. एैसै ही दूसरे पैर के पंजे को पहले पैर की जांघ पर आराम से रखें। जो लोग दोनों पंजों को एक-दूसरी जांघ पर न रख सकते हों वे केवल एक ही पंजे को जांघ पर रख सकते हैं।
4. पैरों के तलवे पेट की तरफ हों जैसे कि चित्र में दिखाया गया है।
5. कमर, और गर्दन दोनों बिलकुल सीधे हों।
6. अब हाथों की कुंहनियां घुटनों पर रखें।
7. दोनों कंघे बराबर और सीधें हों।
8. आंखों को बंद करें और हलकी श्वांस लें।

पद्मासन के लाभ 
1. यह आसन दिमाग को शांत और मन को भटकने से रोकता है।
2. इस आसन से आपका ध्यान और ज्यादा केंद्रित होता है।
3. पद्मासन मेडिटेशन का एक कारगर तरीका है।
4. इस आसन से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है।
5. पद्मासन गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है।
6. आपके तनाव को कम करने का सबसे सरल उपाय है ये आसन।
7. इस आसन को नियमित करने से जाघों की और पेट की चर्बी कम होती है।

पद्मासन करते समय की सावधानियां
1. जो लोग घुटनों के दर्द व सूजन से परेशान हों उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
2. वे लोग जो कमरदर्द, साइटिका और ओस्टियो अर्थराइटिज से परेशान हों वे भी इस आसन को न करें।

पद्मासन सबसे सरल आसन है और इसके फायदे भी अनेक हैं। इस आसन को सुबह-सुबह नियमित करें और धीरे-धीरे इस आसन की अवस्था में बैठनें का समय बढ़ाएं। भक्ति प्रवाह  आपको सलाह देता है कि कोई भी आसन करते समय कोई परेशानी आती है तो तुंरत योग विशेषज्ञ से सलाह लें।

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