अध्यात्म

दाढ़ी बनाने या बाल कटवाने से संबंधित

Written by Bhakti Pravah

शास्त्रों के अनुसार दैनिक जीवन में शुभ फल पाने के लिए कई ऐसी परंपराएं बताई गई हैं, जिनका पालन आज भी किया जाता है। ऐसी ही कुछ परंपराएं दाढ़ी बनाने या बाल कटवाने से संबंधित हैं। यहां जानिए इस काम से संबंधित परंपराएं, हमें कब दाढ़ी बनानी चाहिए और कब नहीं, कब बाल कटवाने चाहिए और कब नहीं…

इन दिनों में न करें ये काम शास्त्रों कहते हैं कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को बाल नहीं कटवाना चाहिए। यह अपशकुन माना जाता है। आज भी घर के बड़े और बुजुर्गों द्वारा बताया जाता है कि शनिवार, मंगलवर और गुरुवार के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।

शास्त्रों की मान्यता
– शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मंगलवार को बाल कटवाने से हमारी आयु आठ माह कम हो जाती है।
– गुरुवार देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है, अत: इस दिन बाल कटवाने से धन की हानि होने की संभावनाएं रहती हैं।
– शनिवार को बाल कटवाने से आयु में सात माह की कमी हो जाती है।
– शेष चार दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को बाल कटवा सकते हैं। इन दिनों में ये काम करने पर दोष नहीं लगता है।

ज्योतिष के अनुसार मंगलवार मंगल देव का दिन है। शरीर में मंगल का निवास हमारे रक्त में रहता है और रक्त से बालों की उत्पत्ति होती है। इसी तरह शनिवार शनि ग्रह का दिन हैं और शनि का संबंध हमारी त्वचा से होता है। अत: मंगलवार और शनिवार को बाल कटवाने से मंगल तथा शनि ग्रह संबंधी अशुभ प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। इनसे बचने के लिए ही इन दिनों में बाल ना कटवाने की बात कही जाती है।

हालांकि आजकल इन बातों को केवल अंधविश्वास ही माना जाता है, लेकिन मान्यता है कि प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने जो परंपराएं बनाई हैं, इनका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ये हैं प्रचलित कारण ऐसा माना जाता है कि सप्ताह के कुछ ऐसे दिन हैं, जब ग्रहों से ऐसी किरणें निकलती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। शनिवार, मंगलवार और गुरुवार को निकलने वाली इन किरणों का सीधा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग मस्तिष्क ही है, सिर का मध्य भाग अति संवेदनशील और बहुत ही कोमल होता है। जिसकी सुरक्षा बालों से होती है। इसी वजह से इन दिनों में बालों को नहीं कटवाना चाहिए।

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