अध्यात्म

तंत्र क्या है तंत्र एक शक्ति है

Written by Bhakti Pravah

तंत्र क्या है तंत्र एक शक्ति है सबसे पहले यह जानना है इस ज्ञान का प्रादुर्भाव कैसे हुआ और कैसे यह साधारण लोगों के बीच में आई और इस्तनी प्रचलित हुई एक बार रावण ने भगवान श्री शिव के कैलाश को उठाने का प्रयास किया तन भगवान श्री शिव जी ने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश के दबा दिया रावण की विशाल की भुजाएं पिसने लगीं औरवह भगवान श्री शंकर जी का गुणगान करने लगा और शिव तांडव स्त्रोत्र की रचना कर दी तब भगवान श्री शंकर ने अपनी दया दिखाते हुए उसे मुक्त कर दिया और उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर कुछ मांगने को कहा तब भगवान से उसने केवल भक्ति की मांग की इससे भगवान् अति प्रसन्न हुए एक बार रावण भगवान के श्री चरण दबा रहा था तब भगवान श्री शंकर जी माँ पार्वती को तंत्र शक्तियों के बारे मे बता रहे थे तब रावण ने भगवान श्री शंकर से तंत्र विद्या का ज्ञान मांगा तब भगवान ने उसे तंत्र शक्तियों का ज्ञान दिया जिनके बल पर वह इतना शक्तिशाली और ज्ञानी बना उसने इसी शक्ति के बल पर स्वर्ग में नाच रही अप्सरा को बेहोश कर दिया तन देवराज ने इसका कारण पता किया तब पता चला यह रावण ने तंत्र शक्तियों के बल पर किया है तब देवराज इंद्र ने भी भगवान शिव की आज्ञा पाकर देव गुरु से इसकी शिक्षा प्राप्त की और रावण को बंदी बना लिया परन्तु मेघनाथ ने रावण को मुक्त करवाकर देवराज को बंदी बना लिया तब भगवान श्री ब्रह्मा जी ने उन्हें मुक्त करवाया तब से देवराज इंद्र ने भी तंत्र शक्तियों का असीमित ज्ञान प्राप्त किया और उससे अनेक राक्षसों का वध किया
उधर रावण ने भी अपने सेनापति और योद्दाओं को तंत्र विद्या की शक्ति और शिक्षा दी तब से लेकर आज तक यह शक्ति पूजी और मानी जाती है आज कलियुग में भी यह शक्तियाँ अति विकसित हैं और तंत्र के ज्ञान से कार्य करना आसान भी है और सुरक्षित भी जो लोग तंत्र के नाम पर डराते हैं वह कुछ नहीं जानते तंत्र के लिए घर छोड़ने की भी कोई आवयश्कता नहीं होती यह एक ज्ञान है जैसे डॉक्टर इंजीनियर की पढ़ाई करके ज्ञान हासिल करने के लिए त्याग और मेहनत करनी पड़ती है वैसे ही तांत्रिक बनने के लिए
जय श्री कृष्णा

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