तंत्र क्या है तंत्र एक शक्ति है सबसे पहले यह जानना है इस ज्ञान का प्रादुर्भाव कैसे हुआ और कैसे यह साधारण लोगों के बीच में आई और इस्तनी प्रचलित हुई एक बार रावण ने भगवान श्री शिव के कैलाश को उठाने का प्रयास किया तन भगवान श्री शिव जी ने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश के दबा दिया रावण की विशाल की भुजाएं पिसने लगीं औरवह भगवान श्री शंकर जी का गुणगान करने लगा और शिव तांडव स्त्रोत्र की रचना कर दी तब भगवान श्री शंकर ने अपनी दया दिखाते हुए उसे मुक्त कर दिया और उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर कुछ मांगने को कहा तब भगवान से उसने केवल भक्ति की मांग की इससे भगवान् अति प्रसन्न हुए एक बार रावण भगवान के श्री चरण दबा रहा था तब भगवान श्री शंकर जी माँ पार्वती को तंत्र शक्तियों के बारे मे बता रहे थे तब रावण ने भगवान श्री शंकर से तंत्र विद्या का ज्ञान मांगा तब भगवान ने उसे तंत्र शक्तियों का ज्ञान दिया जिनके बल पर वह इतना शक्तिशाली और ज्ञानी बना उसने इसी शक्ति के बल पर स्वर्ग में नाच रही अप्सरा को बेहोश कर दिया तन देवराज ने इसका कारण पता किया तब पता चला यह रावण ने तंत्र शक्तियों के बल पर किया है तब देवराज इंद्र ने भी भगवान शिव की आज्ञा पाकर देव गुरु से इसकी शिक्षा प्राप्त की और रावण को बंदी बना लिया परन्तु मेघनाथ ने रावण को मुक्त करवाकर देवराज को बंदी बना लिया तब भगवान श्री ब्रह्मा जी ने उन्हें मुक्त करवाया तब से देवराज इंद्र ने भी तंत्र शक्तियों का असीमित ज्ञान प्राप्त किया और उससे अनेक राक्षसों का वध किया
उधर रावण ने भी अपने सेनापति और योद्दाओं को तंत्र विद्या की शक्ति और शिक्षा दी तब से लेकर आज तक यह शक्ति पूजी और मानी जाती है आज कलियुग में भी यह शक्तियाँ अति विकसित हैं और तंत्र के ज्ञान से कार्य करना आसान भी है और सुरक्षित भी जो लोग तंत्र के नाम पर डराते हैं वह कुछ नहीं जानते तंत्र के लिए घर छोड़ने की भी कोई आवयश्कता नहीं होती यह एक ज्ञान है जैसे डॉक्टर इंजीनियर की पढ़ाई करके ज्ञान हासिल करने के लिए त्याग और मेहनत करनी पड़ती है वैसे ही तांत्रिक बनने के लिए
जय श्री कृष्णा
Leave a Comment