ज्योतिष

छटा भाव ऋण रोग शत्रु नोकरी आदि

Written by Bhakti Pravah

छटा भाव ऋण रोग शत्रु नोकरी आदि का माना गया है और काल पुरुष की कुंडली में यहाँ कन्या राशि आती है और कन्या राशि में शुक्र नीच का हो जाता है ऐसे में इस भाव में शुक्र के शुभ फल जातक को कम ही मिलते है| यहाँ का शुक्र जातक को ऐसे शत्रु देता है जो स्त्री के स्वभाव के समान पीठ पीछे बुराई चुगली करने वाले होते है| ऐसे शत्रु मीठी वाणी बोलते है और जातक का नुक्सान करते है यानी मुह में राम बगल में चुरी वाले कहावत ऐसे लोगो पर ही फिट होती है| चूँकि शुक्र प्रेम काग्रह है इसिलिय यहाँ का शुक्र जातक के पराई औरत सेसम्बन्ध बनाता है और सम्बन्ध ऐसे होते है जैसे की पुराने समय मेंलोग रखैल रखते थे| यहाँ पर शुक्र हो और उस पर बहुत ही पापी ग्रहों कीदृष्टी होतो जातक शारीरक रूप से कमजोर हो जाता है| शुक्र के यहाँ होने पर जातक यदि किसी पराई औरत से सम्बन्ध बनाता है तो उसके खुद के सन्तान होने में समस्या का सामना करना पड़ता है|साथ ही जातक को समाज में किसी कारण से बदनामी मिलने के योग भी बन जाते है|

लाल किताब में इस भाव के शुक्र के बारे मेंकहा गया हैकी ल्लू करे कुव्लियाँ रब्ब सिंधियां पावे\ यानी इस भाव का शुक्र वाला जातक चाहे दिमाक से बेवकूफ ही क्यों न हो उसके किये हुवे कार्य में उसको सफलता मिलती है| यहाँ शुक्र वाले की लिय हिदायत दी गई है की जातक अपने खुद के पैसे लगाकर कोइ कार्य न करेतो उसे सफलता अवस्य मिलती है} जातक को नोकरी प्राप्त करने के लिय भी ज्यादा मेहनत नही करनी पडती|

चूँकि शुक्र पत्नी का कारक होता है तो जातक को पत्नी से सम्बन्धित कोई न कोई दिक्कत अवस्य रहती हैजैसेकी पत्नी का स्वास्थ्य ठीक न रहना या फिर उसका स्वभाव चिड चिड करने वाले या फिर शक करनेवाला हो| जातक को पूर्ण रूप से शारीरिक सुख की प्राप्ति कम ही हो पाती है ऐसेमें|

सूर्य शुक्र कायोग होने पर यहाँ पर सूर्य के शुभ फल में भी कमी हो जाताहै | जातक स्वयम औरत का मुरीद हो जाताहै ऐसे में इनका खराब फल मिलने की सिथ्ती में| ऐसे में सूर्य का बुरा फल जातक को मिलता है साथ ही जीवनसाथी से भी पूर्ण सुख जातक को नही मिल पाता है| ऐसे में घर से निकलते समय गुड खाकर उपर से पानीकी घूंट पीकर बाहर जाना चाहिए|

गुरु शुक्र का योग ज्यादा अशुभ फल नही देता ऐसे मेंयदि औलाद की पैदाइस में बाधा आ रही हो तो पत्नी के बालों में सोने की किलफ़ पहनानी चाहिए|

शुक्र चन्द्र का योग होने पर घर में सास बहु का हरदम क्लेश रहने केयोग बनते है|

शुक्र मंगल का योग जातक की पत्नी मेंमाशिक धर्म सेसम्बन्धित समस्या देता है साथ ही जातक की पत्नी के गुप्त अंग मेंकोई बीमारी का कारण बनता है|

शुक्र बुद्ध का योग काफी हद तक जातक को शुभ फल देता है|

शुक्र शनी का योग भी अशुभ फल नही देता|

शुक्र राहू कायोग जातक या उसकी पत्नी को कोई ऐसी बिमारी दे देता है जिसके कारण जल्दी से किसी डॉक्टर की समझ में नही आते|

शुक्र केतु का योग जातक को पेशाब से सम्बन्धित बीमारी देताहै| जातक के सन्तान होने में समस्या के योग बनतेहै|

यदि इस भाव का शुक्र अशुभ फल रहा हो तो जातक की पत्नी को अपने नंगे पैर जमीन पर नही रखने चाहिए| कोई जराब आदि हमेशा पैर में रखनी चाहिए| किसी भी गुप्त बिमारी होने पर अपने गुप्त अंग 43दिन लगातारदूध से धोने चाहिए|

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