स्वास्थय

घरेलू उपाय जो वायरल बुखार में आराम पहुंचायें

Written by Bhakti Pravah

तेज बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, यह किसी छुपी हुई परिस्थिति का संकेत हो सकता है। आमतौर पर यह बुखार या तबीयत खराब का संकेत हो सकता है।

हालांकि, बुखार के कई गैर-संक्रामक कारण भी हो सकते हैं, लेकिन वायरल संक्रमण बुखार का एक सामान्‍य लक्षण हो सकता है। वायरल संक्रमण कई प्रकार के वायरस से हो सकता है। इनमें इंफ्लूएंजा यानी फ्लू सबसे ज्‍यादा प्रचलित है। वायरल शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है जैसे आंत, फेफड़े, वायु मार्ग और अन्‍य कई हिस्‍से। इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि आपके शरीर का कौन सा हिस्‍सा इससे प्रभावित हुआ है, आपको सामान्‍य तौर पर बुखार की शिकायत होती है। इसके अलावा सिरदर्द, बहती नाक, गले में सूजन, आवाज बैठना, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, डायरिया और/अथवा उल्‍टी जैसी शिकायतें हो सकती हैं।

जब आपको बुखार होता है, तो इसका अर्थ है कि बीमारी या संक्रमण की प्रतिक्रिया के रूप में आपके शरीर का तापमान बढ़ गया है। विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि बुखार संक्रमण के प्रति शरीर की कुदरती प्रतिरक्षा का हिस्‍सा है। गर्मी से शरीर संक्रमण को नष्‍ट करने का काम करता है। और यह बात समझ लें कि एंटी बायोटिक्‍स का संक्रमण पर कोई असर नहीं होगा। ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय आजमा सकते हैं।

स्‍नान करें :  गुनगुने या ठंडे पानी के टब में बैठने से आपको बेहतर महसूस होगा।

गर्मी को नियंत्रित रखें : कमरे के तापमान को कम करें इसके लिए आप खिड़की खोल सकते हैं। और अगर ठंड हो तो अपने पास एक गर्म कंबल रखें। अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए उन कपड़ों का इस्‍तेमाल करने के बजाय जिन्‍हें उतारना मुश्किल हो, कंबल का इस्‍तेमाल बेहतर रहता है। ठंडा भोजन करने से भी आपको मदद मिल सकती है।
खूब पानी पियें

वायरल की हालत में आपको खूब पानी पीना चाहिये। इसके अलावा जूस और कैफीन रहित चाय का सेवन करें। ज्‍यादातर फलों में एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स पाये जाते हैं जिनका सेवन करने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। अगर आपको डायरिया या उल्‍टी की शिकायत है तो इलेक्‍ट्रॉल का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, नींबू, लैमनग्रास, पुदीना, साग, शहद आदि भी आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

नींबू के पानी की जुराब :  एक कप गर्म पानी में एक नींबू का रस निचोड़ लें। इस पानी में रूई के पतले फोहे डुबो लें। अतिरिक्‍त पानी को निचोड़ लें और इसे जुराबों के जोड़े में डालकर रात भर पहनकर सो जाएं।

ठंडी और गर्म जुराब : एक कटोरा गर्म पानी और एक कटोरा ठंडा पानी लें। अब एक जुराब को ठंडे पानी में डुबोयें और इस दौरान अपना दूसरा पैर एक मिनट के लिए गर्म पानी में डुबोकर रखें। इसके बाद अतिरिक्‍त पानी को निचोड़कर उसे पहन लें। फिर उस जुराब के ऊपर दो अन्‍य जुराबें भी पहन लें। इस जुराब को कुछ घंटे तक पहने रखें।

नींबू : नींबू को बीच में से काट लें और फिर इस टुकड़े से पैरों के तलों पर मसाज करें। आप चाहें तो नींबू के इस कटे हुए टुकड़े को जुराबों में डालकर सारी रात पहनकर रख सकते हैं।

लहसुन : कच्‍चे लहसुन के टुकड़े खायें। आप इस पर शहर लगाकर भी खा सकते हें। इसके अलावा लहसुन की दो कलियों को दो चम्‍मच ऑलिव ऑयल में मिलाकर इसे गर्म कर लें और इससे अपने पैरों के तलों में मसाज करें। अपने पैरों को सारी रात के लिए लपेटकर रखें।

सिरका : अपने नहाने के पानी में आधा कप सिरका मिला लें और कम से कम दस मिनट तक उसे ऐसा ही रहने दें। इस पानी से नहाने से भी आपको फायदा होता है। आप चाहें तो आलू के कुछ टुकड़ों को सिरके में डुबोकर इसे अपने माथे पर बांध लें।

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