स्वास्थय

गुलाब के उपयोगो के बारे में जानते है

Written by Bhakti Pravah

गुलाब बेहद ही खूबसूरत फूल होता है। इसे कोमलता और सुंदरता का प्रतीक माना गया है। यह ना केवल दिखने में सुन्दर है बल्कि इसकी ख़ुश्बू भी सबका मन मोह लेती है। हम सभी इसके उपयोगो के बारे में जानते है। जैसे की गुलाब के फूल को भगवान के चरणो में अर्पित किया जाता है। इसके अलावा यह ड्राइंग रूम में भी घर की शोभा बढ़ाते है। किसी काम के नए शुभआरंभ में भी गुलाब के फूल भेट किये जाते है।

जब कोई नए रिश्ते की शुरुआत करता है ऐसे में भी सामने वाले का दिल जितने के लिए गुलाब का फूल साथ देता है। गुलाब के इतने फायदे तो हम सभी जानते है। लेकिन क्या आप जानते है की गुलाब आपको कई तरह के सेहतमंद फायदे भी देता है।

गुलाब में कई गुण मौजूद होते है। इसके फूल में कई कई रोगों के उपचार की क्षमता है। यह ना आपको सेहतमंद बल्कि सौंदर्य फायदे भी देता है। हम आपको बताना चाहते है की वजन घटाने की चाहत रखने वालो के लिए भी गुलाब लाभप्रद है।

दरअसल गुलाब लैक्सेटिव और ड्यूरेटिक गुणों से भरपूर है, जिससे की यह मेटाबॉलिज्म ठीक करता है और पेट के टॉक्सिन हटाता है। इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। आज हम आपको गुलाब के फूल के ऐसे ही कई उपयोगों के बारे में बताने जा रहे है।

वजन घटाने में फायदेमंद :-

गुलाब में मौजूद लैक्सेटिव और ड्यूरेटिक गुण मेटाबॉलिज्म तेज करने में मदद करते है। मेटाबॉलिज्म तेज होने पर शरीर में कैलोरी लॉस होने लगता है, नतीजन वजन नियंत्रित रहता है। वजन को कम करने के लिए आर्युवेद में भी गुलाब का इस्तेमाल किया जाता है| अगर आप भी अपने बढ़ते वजन से परेशान है तो गुलाब की 20-25 पत्तियाँ एक ग्लास पानी में डालकर उबालें। उबालने से पहले इन्हे साफ़ करना ना भूले|
आपको पानी को तब तक उबालना है जब तक पानी का रंग गहरा गुलाबी न लगने लगे। फिर इसमें एक चुटकी इलायची पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण को छन्नी से छानकर दिन में दो बार लें। इसके सेवन से आपका वजन भी कम होता है और तनाव भी दूर होने में मदद मिलती है।

डीहाइड्रेशन से बचाये :-

गुलाब की पत्तियों से आप गुलकंद बना सकते है। गुलकंद का सेवन आपको डीहाइड्रेशन से बचाता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है जिससे आप तरोताजा महसूस करते है। यदि आप काम के बाद बहुत थका महसूस करते है तो गुलकंद जरूर खाए, ये आपके शरीर को स्फूर्ति देगा। इससे थकान और शरीर का दर्द दोनों दूर होता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद :-

यदि आप अपने चेहरे पर मुहांसो से परेशान है तो त्वचा पर चन्दन या फिर मुल्तानी मिटटी में गुलाब जल मिलाकर लगाये| सूखने तक रखे फिर धो ले। कुछ दिन तक नियमित इस प्रयोग को करने से त्वचा के मुँहासे और उससे होने वाले दाग दोनों खत्म हो जाते है।

दिल का रखे ख़याल :-

आप शायद नहीं जाते होंगे लेकिन गुलाब का फूल आपके दिल के लिए भी फायदेमंद है।अर्जुन की छाल और देसी गुलाब मिलाकर पानी में उबाल कर काढ़े जैसा बना ले। इस काढ़े को चाय की तरह पिने से दिल से जुड़ी बीमारियां दूर रहती है। यदि किसी की दिल की धड़कन बढ़ रही हो तो वो सूखी पंखुड़ियों को उबालकर पी ले।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये :-

गुलाब में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते है। इसलिए इसकें सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। सुबह सुबह यदि खाली पेट ताजे गुलाब की 2-3 कच्ची पंखुड़ियां खा ली जाएं, तो दिन भर के लिए ताजगी मिलती है। गुलाब एक बेहद अच्छा ब्लड प्यूरिफायर है। पेट दर्द और यूरीन से जुड़ी दिक्कतों में भी गुलाब की पत्तियों का पानी लाभप्रद साबित होता है।

गुलाब के अन्य फायदे इन्हे भी जाने :-

यदि किसी को गर्मी के कारण सिरदर्द हो रहा हो तो, गुलाब को पीस कर लेप बनाकर सिर पर लगाने से सिर दर्द थोड़ी देर में गायब हो जाता है।
रोज सुबह चेहरा धोने के बाद गुलाब जल में नीबू की कुछ बूंदें मिला कर हल्के हाथों से चेहरे पर लगाकर धोने से त्वचा का कालापन दूर होता है।
रतौंधी नामक आँखों के रोग के रोग और गर्मी के कारण आँखों में होने वाली जलन को दूर करने के लिए गुलाब जल का इस्तेमाल एक बहुत अच्छी दवा है।
गुलाब से बने गुलकंद में विटामिन बी, सी और ई भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। भोजन करने के बाद गुलकंद के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है।
गुलाब की पत्तियों को पीसकर होंठो पर लगाने से फटे होंठो की समस्या से निजाद मिलती है। इसे होंठो में लगाना थोड़ा मुस्किल होता है, तो आप थोड़ा ग्लिसरीन मिला सकते है।
यदि किसी को चेचक हो गया हो तो गुलाब की पंखुडियां को सूखाकर चूर्ण बना लें, फिर इस इस चूर्ण को चेचक के रोगी के बिस्तर पर डाले । इससे पीड़ित को ठंडक और आराम मिलता है।
नियमित तौर पर सुबह-शाम एक चम्मच गुलकंद खाने से मसूढ़ों में दर्द या खून आने की समस्या से निजाद मिलती है । यहाँ तक की मासिक धर्म के दौरान भी गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।

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