चेहरे पर कील-मुंहासे होने के कई कारण होते हैं जैसे खून संबंधी परेशानियों के कारण, खान-पान की गड़बड़ी की वजह से और कुंडली में ग्रह दोषों के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिष के अनुसार बुध, शनि, राहु और मंगल की अशुभ स्थिति होने पर तथा सूर्य, चंद्र के कमजोर होने पर भी त्वचा से संबंधित रोग हो सकते हैं।
कुण्डली में षष्ठम भाव त्वचा से संबंधित होता है। यदि कुंडली में षष्ठम भाव पर केतु है तो वह भी त्वचा रोग का कारण बन सकता है। बुध यदि बलवान है तो यह रोग पूरा असर नहीं दिखाता। इसके विपरीत यदि बुध कमजोर है तो व्यक्ति को त्वचा संबंधित रोग हो सकते हैं।
– चंद्र के कारण पानी या मवाद से भरी फुंसी और मुंहासे हो सकते हैं।
– मंगल के कारण रक्त विकार वाले कील-मुंहासे होते हैं।
– राहु के प्रभाव से दर्द देने वाले कील-मुंहासे होते हैं।
त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करने के ज्योतिषीय उपाय
1. यदि षष्ठम स्थान पर कोई अशुभ ग्रह है तो उसका उपचार कराया जाना चाहिए।
2. सूर्य मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
3. शनिवार के दिन कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं। इससे शनि और राहु-केतु संबंधी दोष दूर हो जाएंगे।
4. सरस्वती स्तोत्र का पाठ करें।
5. पारद शिवलिंग का पूजन करें।
6. प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाए और सूर्य के मंत्र के साथ 7 परिक्रमा करें।
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