यदि आप सोच रहे है कि दान देने से आपका बुरा समय खत्म हो जाएगा, आपके सितारे आपका साथ देने लगेंगे तो दान देने से पहले जान लें कि, आपको कौन सी वस्तु का दान शुभ फल देगा और किस वस्तु के दान देने से आपको नुकसान होगा।
सूर्य- जिस कुंडली में सूर्य मेष राशि मे स्थित होता है उस व्यक्ति को लाल रंग की वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए।
चंद्रमा- यदि आपकी जन्मकुण्डली में चन्द्र वृष राशि में हो तो पानी का दान नही करना चाहिए।
मंगल- अगर जन्मकुण्डली में मंगल मकर राशि में हो तो उस व्यक्ति को भूमि, संपत्ति या तांबे की वस्तुओं का दान नहीं देना चाहिए।
बुध– जन्मकुंडली में यदि बुध कन्या राशि में हो तो आपको हरे वस्त्र या हरी वस्तुओं का दान नहीं देना चाहिए।
बृहस्पति- यदि आपकी जन्मकुण्डली में गुरु कर्क राशि में है तो आपको पीले वस्त्र, पीली वस्तुएं और धार्मिक कार्यों में दान नही देना चाहिए।
शुक्र- जिसकी जन्मकुण्डली में शुक्रग्रह मीन राशि में स्थित हो उन्हे एश्वर्य पूर्ण वस्तुएं, मनोरंजक एवं सौंदर्य से सम्बंधित वस्तुएं किसी को दान या गिफ्ट नहीं करनी चाहिए।
शनि- यदि शनि देव की स्थिति जन्मकुण्डली में उच्च हो यानी तुला राशि में शनि हो तो, उसे व्यर्थ परिश्रम और भ्रमण नहीं करना चाहिए। और लोहा, वाहन आदि का दान नहीं देना चाहिए।
!! दान देने से पहले जरा सोच लें ?
दान करना हमारे समाज में अति शुभ माना गया है लेकिन कई बार यह दान दुःख का कारण भी बन जाता है.हमारे आसपास ऐसे कई व्यक्ति है जो कि ज्यादा दान या ज्यादा धर्म में लीन रहते है. फिर भी कष्ट उनका व उनके परिवार का पीछा नहीं छोड़ता तब हम अपने को सांत्वना स्वरूप यह कह कर संतोष करते है कि भगवान शायद हमारी परीक्षा ले रहा है. यह सच भी हो सकता है. परन्तु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह भी सत्य है कि दान या मंदिर में जाना या घर में पूजा करना ग्रहों के शुभाशुभ द्वारा निश्चित करना चाहिए. किस ग्रह का किस स्थिति में दान करना शुभ है और किस स्थिति में दान करना अशुभ है
भारतीय संस्कृति में दान को एक शुभ कार्य माना जाता है. दान करने से व्यक्ति को दैवीय कृपा एवं सहायता प्राप्त होती है.यह मानकर धार्मिक श्रद्धालु दान देने के लिए प्रेरित होते है. इसके अतिरिक्त विभिन्न ग्रहों की पीड़ा को दूर करने के लिए भी दान का अत्यंत महत्व होता है. यह ध्यान रखना अति आवश्यक है कि दान हमेशा शुभ फल नहीं देता कभी कभी इसके भयंकर परिणाम भी देखने को मिलते है.
जन्मकुंडली में जो ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थित होते है व्यक्ति को उन उच्च राशि के ग्रहों से सम्बंधित वस्तुओं का दान अपने जीवन में कभी नहीं करना चाहिए. जैसे किसी की जन्मकुंडली में चंद्रमा उच्च राशि का हो तो उसे जीवन भर चांदी, दूध आदि का दान करना उलटा कष्टों में डाल देगा.
इसी प्रकार से जो ग्रह नीच राशि के होकर जन्मकुण्डली में स्थित हो तो उनका दान या गिफ्ट लेना उस व्यक्ति के लिए अशुभ फलदायी हो जाएगा. जैसे किसी व्यक्ति की जन्मकुण्डली में शनि यदि नीच राशि का होकर स्थित हो तो उस व्यक्ति को कभी भी लोहा आदि की वस्तुएं किसी से दान या गिफ्ट स्वरुप नहीं स्वीकार करनी चाहिए.
अपने पुत्र या पुत्री के विवाह के समय इन सूत्रों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाय कि हम अपनी संतान की जन्मकुण्डली अनुसार गिफ्ट दे तो वह जीवन भर सुख पूर्वक रहे. किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अनिवार्य रूप से आपको लाभ प्रदान कर सकती है.र्अक्सर अपने दैनिक जीवन में प्राय: हम एक कहावत विभिन्न अर्थों में सुनते हैं कि “नेकी कर दरिया में डाल” या नेकी करो और भूल जाओ. कभी-कभी अच्छे शब्दों में भी सुनते हैं, कि हम किसी के लिए कितना ही अच्छा क्यों न करें लेकिन बदले में हमेशा बुराई ही हाथ लगती है.
एक व्यक्ति किसी गरीब को भोजन कराता है, तो खाने वाला बीमार पड जाता है. किसी नें किसी को धन उधार दिया तो उसकी वसूली के समय देनदार नें कोई गलत कदम उठा लिया और बेचारा लेनदार बिना वजह मुसीबत में फँस गया. किसी की मदद करने चले तो उल्टा स्वयं ही अपने लिए मुसीबत मोल ले बैठे. अमूमन ऎसी सैकडों प्रकार की घटनायें आये दिन किसी न किसी प्रकार से किसी न किसी के साथ घटती ही रहती हैं.दरअसल यह सब निर्भर करता है हमारी जन्मकुँडली में बैठे ग्रहों पर, जो यह संकेत करते हैं कि किस वस्तु का दान या त्याग करना अथवा कौन से कार्य हमारे लिए लाभदायक होगें और कौन सी चीजों के दान/त्याग अथवा कार्यों से हमें हानि का सामना करना पडेगा.
जो ग्रह जन्मकुंडली में उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हों, उनसे सम्बन्धित वस्तुओं का दान व्यक्ति को कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
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