स्वास्थ्य जीवन की सबसे कीमती वस्तु है, लेकिन यह भी सच हे कि हम अपने स्वास्थ्य को जितना नजरअदांज करते हैं, उतना किसी दूसरी चीज को नहीं करते। हम में से बहुत से लोगों का हाल तो यह होता है कि हम अपने स्वास्थ्य के बारे में तभी सोचते हैं, जब हम इसे खो देते हैं। फिर हमें यह अहसास होता है ः स्वास्थ्य के बिना हम कुछ भी नहीं हैं।
एक कहावत है, जो हममें से कोई लोगों के स्वास्थ्य की सच्चाई को उजागर करती है ः “जो अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेता है, वह अमीर है, हालांकि उसे खुद यह बात पता नहीं होती है।” दरअसल, जब हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है, तब हम अपने स्वास्थ्य के बारे में शायद ही कभी सोचते हैं। बहरहाल, आपने इन शब्दों की सच्चाई को तब महसूस किया होगा, जब आपको सर्दी-खांसी या बुखार जैसी कोई छुटपुट बीमारी हो गई थी और आप अपनी उम्र से अधिक युवा महसूस नहीं करते हैं, तो समझ लीजिए कि आप कमतर स्वास्थ्य के साथ जी रहे हैं। स्फूर्ति की इस कमी का एक प्रमुख कारण है कृतज्ञता का न होना। वैसे यह सब बदलने वाला है, क्योंकि आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कृतज्ञता की जादुई शक्ति का इस्तेमाल करने जा रहे हैं!
जादुई स्वास्थ्य का अभ्यास आपके शरीर के स्वास्थ्य के बारे में निम्न वाक्यों को पढ़ने से शुरु होता है। जब आप अपने शरीर के किसी खास अंग के लिए हर इटैलिक लाइन को देहराएं। साथ ही, शरीर के उस अंग के बारे में अधिकतम कृतज्ञता महसूस करें। याद रखें, जब आप इस गहरी कृतज्ञता महसूस करने में मदद मिलेगी और आप जितनी गहराई से कृतज्ञता महसूस करते हैं, उतनी ही तेजी से आप अपने शरीर में अद्भूत परिणाम महसूस करेंगे और देखेंगे।
अपने पैरों के बारे में सोंचें; वे आपके जीवन में परिवहन का प्रमुख जरिया हैं। उन सारी चीजों के बारे में सोचें, जिनके लिए आप पैरों को इस्तेमाल करते हैं, जैसे संतुलन बनाना, खड़े होना, बैठना, व्यायाम करना, नाचना, सीढ़ियां चढ़ना, कार चलाना और सबसे बढ़कर पैदल चलने का चमत्कार। आपके पैर घर में चारों तरफ घूमने, बाथरुम जाने, किचन में जाकर पानी पीने और अपनी कार तक चलकर जाने में आपकी मदद करते हैं। आपके पैर स्टोर्स में घूमने, सड़क तक जाने, हवाई अड्डे पर टहलने और समुद्र तट पर घूमने में मदद करते हैं। चलने की काबिलियत हमें जीवन का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र कर देती है! मेरे पैरों के लिए धन्यवाद कहें और सचमुच दिल में महसूस करें।
अपने हाथों के बारे में सोचें और विचार करें कि एक दिन में आप कितनी सारी चीजें उठाते और पकड़ते हैं। आप के हाथ जीवन के प्रमुख औजार हैं और आप हर दिन उनका लगातार इस्तेमाल करते हैं। आपके हाथ लिखने, भोजन करने, फोन या कंप्यूटर का इस्तेमाल करने, शावर लेने, कपड़े पहनने, बाथरुम का इस्तेमाल करने, चीजें उठाने व पकड़ने और खुद के लिए हर काम करने में मदद करते हैं। हाथों के इस्तेमाल के बिना आपको दूसरे लोगों पर निर्भर होवा पड़ेगा कि वे आपके लिए चीजें करें। कहें, मेरी भुजाओं, हाथों औ अंगुलियों के लिए धन्यवाद!
अपनी अद्भूत इंद्रियों के बारो में सोचें। जब भी आप कुछ खाते-पीते हैं, स्वाद का इन्द्रियबोध आपको दिन में कई बार सुख पहुंचाता है। सर्दी में स्वाद की अनुभूती खोने के बाद आपको पता चलता है कि अगर भोजन या पेय पदार्थ में स्वाद न आए, तो खाने-पीने का सारा आनंद चला जाता है। कहें, स्वाद की मारी अद्भूत इंद्रियों के लिए धन्यवाद!
गंध लेने की इन्द्रियां आपको जीवन में व्याप्त सुंदर सुगंधों का अनुभव करने में समर्थ बनाती हैं ः फूल, इत्र, साफ चादर व भोजन पकने की गंध, जाड़े की रात में लकड़ी जलने की गंध, गर्मी के दिन में हवा, ताजी कटी घास और बारिश के बाद मिट्टी की गंध आदि। कहें, गंध की मेरी अद्भूत इन्द्रिय के लिए धन्यवाद!
यदि आपके पास स्पर्श की इन्द्रिय न होती, तो आप कभी ठंडे और गर्म, कोमल और सक्त या चिकने व खुरदुरे के फर्क को जान ही नहीं पाते। आप कभी वस्तुओं को महसूस नहीं कर पाते या प्रेम को शारीरिक रुप से व्यक्त या हासिल नहीं कर पाते। आपके स्पर्श की इन्द्रियां आपको अनुमति देती है कि आप प्रियजनों को छुंए, उनका आलिंगन करें या किसी का हाथ थामने के स्पर्श को महसूस करें, जो जीवन की सबसे कीमती चीजों में से एक है। कहें, स्पर्श की मेरी कीमती इन्द्रियों के लिए धन्यवाद!
अपनी आंखों के चमत्कार के बारे में सोचें, जो आपको अपने प्रियजनों व मित्रों के चहरे देखने, छपी हुई पुस्तकों पढ़ने, अखबार तथा ईमेल पढ़ने, टेलीविजन देखने, प्राकृतिक सौंदर्य बनाती है। बस एक घंटे तक आंखों पर पट्टी बांधकर वह सब करने की कोशिश करें, जो आप सामान्यतः करते हैं। िजसके बाद आप आंखों की कद्र करने लगेंगे। कहें, मेरी आंखों के लिए धन्यवाद, जो मुझे हर चीज देखने में समर्थ बनाती हैं!
अपने कानों के बारे में सोचें, जो बात करते समय आपको अपनी और दूसरों की आवाजें सुनने में समर्थ बनाते हैं, जिससे आपको बात करने में आसानी होती है। कानोें और श्रवण शक्ति के बिना आप फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते, संगीत नहीं सुन सकते, रेडियो नहीं सुन सकते, अपने परिजनों की बातचीत नहां सुन सकते या आप अपने आस-पास की दुनिया की आवाजें भी नहीं सुन सकते। कहें, मेरी सुनने की शक्ति के लिए धन्यवाद!
और सबसे बड़ी बात, किसी भी इन्द्री का इस्तेमाल मस्तिष्क के बिना असंभव है, जो एक सेकेंड़ में आपकी सारी इंद्रियों के दस लाख से अधिक संदेशों को प्रोसेस करता है! यह दरअसल आपका मस्तिष्क ही है, जो आपको जीवन की अनुभूति तथा अनुभव पाने में मदद करता है, जो इससे टक्कर ले सके। कहें, मेरी मस्तिष्क और मेरे सुंदर मन के लिए धन्यवाद!
उन खरबों कोशिकाओं के बारे में सोचें, जो आपको स्वास्थ्य, शरीर और जीवन की खातिर सप्ताह में सातों दिन, दिन में चौबीसों घंटे लगातार काम कर रही हैं। कहें, धन्यवाद कोशिकाओंं! अपने जीवन को कायम रखने वाले अंगों के बारे में सोचें, जो आपको शरीर में हर चीज की निरंतर सफाई और नवीनीकरण कर रहे हैं। इस तथ्य के बारे में भी विचार करें कि वे अपना सारा काम खुदबखुद कर लेते हैं और आपको उसके हारे में जरा भी सोचना नहीं पड़ता है। कहें, शरीर के अंगों, आदर्श तरीके से काम करने के लिए धन्यवाद!
लेकिन किसी भी इन्द्री, तंत्र या हमारे शरीर के किसी अन्य अंग से अधिक चमत्कारी हे आपका हृदय। आपका हृदय हर अंग के जीवन को नियंत्रित करता है, क्योंकि यह आपका हृदय ही है, जो आपके शरीर के प्रत्येक तंत्र में जीवन को प्रवाहित करता रहता है। कहें, मेरे मजबूत और स्वस्थ हृदय के लिए धन्यवाद!
इसके बाद एक कागज या कार्ड लें और उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखें ः
स्वास्थ्य का उपहार मुझे जीवित रखता है।
आज इसी कार्ड को किसी ऐसी जगह रख दें, जहां आप जानते हों कि उस स्थान पर आपकी नजर बार-बार जाएगी। यदि आप किसी डेस्क पर काम करते हैं, तो उस कार्ड को आपनी कार या ट्रक में किसी ऐसी जगह रखें, जहां आपको यह बार-बार दिखता रहे। यदि आप अधिकतर समय घर पर रहते हैं, तो इसे वाॉश बेसिन के पास रख सकते हैं या फिर फोन के नजदीक भी रख सकते हैं। सार यह हो कि किसी ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां आप अपने लिखे शब्दों को बारम्बार देख सकते हों।
आज कम से कम चार अवसरों पर लिखे शब्दों को देखें और उन्हें एक बार में एक-एक शब्द कर के आहिस्ता-आहिस्ता पढ़ें, तथा स्वास्थ्य के उपहार के लिए अधिकतम कृतज्ञता महसूस करें।
अपने स्वास्थ्य के लिए कृतज्ञ होना स्वास्थ्य को कायम रखने के लिए अनिवार्य है। यह इस बात की गारंटी भी है कि स्वास्थ्य बेहतर होता रहेगा तथा ऊर्जा और जीवन के प्रति उत्साह में भी वृद्धि होती रहेगी। यदि कृतज्ञता का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं के साथ किया जाए, तो हम एक स्वास्थ्य क्रांति होते हुए देखेंगे, और लोगों के स्वास्थ्य लाभ की दर तथा चमत्कारों की संख्या पहले से कहीं अधिक बढ़ जाएगी।
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