छोटे छोटे उपाय

इस पाप का कोई प्रायश्चित नहीं

Written by Bhakti Pravah

जब आप सुबह ब्रश करते वक़्त एक मग से ज्यादा पानी गिराते हैं,

जब सुबह आप टॉइलेट का इस्तेमाल करते वक़्त एक बाल्टी से ज्यादा पानी गिराते हैं,

जब आप प्रतिदिन स्नान करने में एक बाल्टी से ज्यादा पानी गिराते हैं,

जब आप घर में या बाहर कहीं पर भी खुले, अधखुले, टपकते नलों को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं,

जब आप घर में या बाहर सौफ्ट ड्रिंक/कोल्ड ड्रिंक का मजा लेते हैं,

जब आप हॉटलों इत्यादि जगहों पर जी भरके शॉवर-बाथ टब में नहाते हैं,

जब आप पाईप लगा कर अपने वाहन/इमारतें धोते हैं,

जब आप सामाजिक कार्यक्रमों में मुफ़्त मिलने वाली पैकेज्ड पानी की बोतलों को एक-एक घूंट चख कर फैंक देते हैं,

जब आप अपने घर में 4 कपडे धोने में वाशिंग मशीन में 40 लिटर पानी बहा देते हैं……..

तब आप इस धरती के कईं प्राणियों के हिस्से का पानी चुरा रहे होते हैं,उन्हें बून्द-बून्द के लिए तरसाने के पाप में भागीदार बन रहे होते हैं!इस पाप का कोई प्रायश्चित नहीं! इस पाप को करने से बचना ही श्रेयस्कर है।
आईये संकल्प लें,कि- हम आवश्यकता से अधिक पानी बिलकुल भी नहीं बहाएंगे, औरों का हिस्सा मार कर उन्हें बूँद-बूँद को नहीं तरसाएंगे,
और समूचे देश को  “लातूर” होने से बचाएंगे, ऐसा करके ही हम पापों से बच पाएंगे

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