राहू-केतु दोनों छाया ग्रह हैं तथा जिस ग्रह के साथ स्थित होते हैं उन्हीं के गुण-अवगुण के अनुसार फल देते हैं १ लेकिन ये भी सत्य है कि राहु केतु के अक्ष में आने वाले ग्रह अपने पूर्ण शुभ फल देने में असमर्थ हो जाते हैं फिर भी राहु केतु अगर शुभ हो तो जातक को इनकी दशान्तार्दशा में शुभ फल भी मिलते हैं।
■शुभ राहु/केतु का लक्षण राहु शुभ हो तो जातक निडर, निर्णय लेने में बोल्ड होता हैजातक अन्तरिक्ष इंजिनियर, राजनीतिज्ञ , पायलेट बनता है।
■शुभ राहु जातक को असाध्य रोगों से बचाता है शुभ केतु जातक को अध्यात्म की ओर ले जाता है जातक विदेशी भाषाओँ का ज्ञाता होता है, शुभ
केतु जातक को एक काबिल डॉक्टर बनाता है।
अशुभ राहु केतु के लक्षण
■राहु अगर अशुभ होगा परिवार में वृद्ध सदस्य बीमार रहेगा।
■राहु ख़राब हो तो जातक के घर में इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान जल्दी जल्दी ख़राब होगा।
■राहु ख़राब हो तो जातक को वहमी हो जाता है, भ्रम में जीता है जातक अर्थात जो होता नहीं है उससे कहीं ज्यादा अपने को समझता है।
■केतु विष का कारक है, जातक को कीड़े-मकोड़े, सांप बिच्छू , कुत्ते-बिल्ली काटने का डर रहता है,
■केतु विषाणु के कारण रोग देने का कारक है जिसके राहु / केतु अशुभ हो तो वो जातक परम्परा विरोधी कार्य करते हैं।
◇उपाय◇
●अशुभ राहु के लिए एक नारियल के टुकड़े करके कुछ टुकड़े गरीबों में बांटें और कुछ टुकड़े बहते जल में प्रवाहित करें।
●जौ के आटे की गोलियां बनाकर मछली को खिलाएं।
●चाँदी के गिलास में पानी पियें, केतु के लिए गणपति जी आराधना करें।
●कुतों को ब्रेड दूध खिलाएं। लाभ पाये। जय शिव।
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