अध्यात्म

संकल्प लें ऐसा जो उजाला फैलाएं

Written by Bhakti Pravah

यह उजाला जीवन के घ‍ने अंधकार को मिटाकर हमें नया रास्ता दिखाएगा, जो हमें अपनी मंजिल तक पहुंचाएगा…।
जीवन में किसी भी बाधा या मुश्किल से निपटने के लिए एक बहुत अच्छा तरीका यह है कि आप अपने लिए कोई ‘प्रेरणा स्रोत’ खोज लें। यह प्रेरणा स्रोत किसी व्यक्ति का जीवन, किसी का आशीर्वाद, धर्म ग्रंथ का मंत्र, महापुरुष का कथन, किसी व्यक्ति का चेहरा या चित्र, कोई कविता, भगवान की मूर्ति, आदि कुछ भी हो सकता है।

अवसाद, निराशा या किसी घोर संकट की घड़ी में इनमें से कोई एक भी आपकी बहुत मदद कर सकता है। केवल एक शब्द, पंक्ति या ख्याल से ही आपमें नई उमंग-तरंग का संचार हो सकता है। ऐसी न जाने कितनी ही चमत्कारी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें कोई व्यक्ति केवल इसलिए मौत के मुंह से लौट आता है, क्योंकि संकट की उस घड़ी में भी उसने हिम्मत नहीं हारी थी।

जब भी हिम्मत टूटने लगी उसे अपने किसी प्रिय या देवता की याद आ गई और वह फिर से नए जोश के साथ उस मुसीबत से तब तक लड़ता रहा, जब तक जीत कर सकुशल नहीं बच गया। बहुत से लोगों को पर्वत उठाए उड़ते हनुमान या सुदर्शन चक्र उठाए विष्णु भगवान के चित्र इस तरह की प्रेरणा देते हैं।

कुछ लोगों के लिए जय मां भवानी, जय मां काली, हर-हर महादेव, जय गणेश, जय श्रीकृष्ण या फिर ‘या अली’ जैसे अनेक शब्द मानवीय जीवन में नई ऊर्जा का काम करते हैं, तो कुछ लोगों के लिए अपने वरिष्ठ या घनिष्ठ का दिया हुआ कोई उपहार यह काम कर देता है।

अगर आप भी अपने जीवन पर ध्यान दें तो ऐसी कोई न कोई प्रेरक ‘ढाल’ या ‘हथियार’ जरूर आपके पास होगी, या थोड़ी कोशिश से ही आप उस प्रेरणा स्त्रोत को पा जाएंगे जिसकी मदद से किसी भी बाधा से लड़ना बहुत आसान हो जाएगा।

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