अध्यात्म

श्री हनुमान को बजरंगबली भी कहा जाता जाता है

Written by Bhakti Pravah

रुद्रावतार श्री हनुमान को बजरंगबली भी कहा जाता जाता है। उनका यह नाम उनके वज्र के समान बलवान शरीर या अनेक शक्तियों के स्वामी होने के कारण ही नहीं बल्कि युग-युगान्तर से जारी हनुमान भक्ति और उनके प्रति आस्था का वह प्रभाव भी है, जो भक्तों को तन, मन और धन से सबल बनाती आ रही है। चूंकि मानव जीवन भी उतार-चढ़ाव से भरा है, जिसमें दु:ख और सुख आते जाते हैं। इसलिए हर इंसान सुखों की चाहत और दु:खों से बचने के लिए देव उपासना करता है। ऐसे संकट, मुसीबतों और दु:खों से बचने के लिए ही श्री हनुमान जी की उपासना सर्व श्रेष्ठ हैं ! जो लोग हनुमान जी की उपासना तन, मन, धन और पूरी आस्था विश्वास के साथ करते है उन को कभी किसी प्रकार के संकट का सामना नहीं
करना पढ़ता है !
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शनिवार और मंगलवार के दिन श्री हनुमान की उपासना जप और भी असरदार होता है। क्योंकि शास्त्रों में हनुमान भक्ति नव ग्रहदोष शांति और खासतौर पर शनि दशा के बुरे प्रभाव से बचने के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है। श्री हनुमान भक्ति में विश्वास और आस्था को बल देने वाले ही ऐसे 5 मंत्र यहां बताए जा रहे हैं। जिन के पूजन और जाप से सारे दुःख दूर हो जाते है !
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हनुमान पूजा और मंत्र जाप की सरल विधि :-
शनिवार और मंगलवार के दिन सुबह स्नान करें । इस दिन शरीर, कपडे, बोल और आचरण की पवित्रता का खास ध्यान रखें। देवालय या हनुमान मंदिर में श्री हनुमान की प्रतिमा पर चमेली या गाय के घी का मिश्रित सिंदूर चढ़ाकर गंध, अक्षत, लाल फूल, श्रीफल यानी नारियल अर्पित करें। गुग्गल धूप लगाकर लाल आसन पर बैठकर इन हनुमान मंत्रो का जप करें !
मंत्र :=====
ॐ बलसिद्धिकराय नम:
ॐ वज्रकायाय नम:
ॐ महावीराय नम:
ॐ रक्षोविध्वंसकाराय नम:
ॐ सर्वरोगहराय नम:
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विशेष := मंत्र जप के बाद यथासंभव श्री हनुमान चालीसा पाठ का पाठ करें। श्री हनुमान की दीप और कपूर से आरती करें। पूजा, मंत्र जप और आरती के दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों के लिए क्षमा प्रार्थना कर सारी परेशानियों और चिंतामुक्ति के लिए कामना करें।

 

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