तरुण सागर जी संत प्रवचन

श्री तरुण सागर जी महाराज 27

Written by Bhakti Pravah

पूरा देश ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण से बचने के उपाय खोजने में लगा है। जबकि इससे बड़ी समस्या मनोप्रदूषण की है। गांधी जी ने तीन बंदर बनाए थे। उनको एक बंदर और बनाना था जो अपने हृदय पर हाथ रखे होता और संदेश देता कि बुरा मत सोचो।

आज मनुष्य के विचारों में आ रहे बदलाव में सुधार की आवश्यकता है। हमारा भोजन ही नहीं विचार भी तामसिक हो गए हैं। हमारी प्रार्थना भी तामसिक हो चुकी है। हम भगवान से केवल अपने और परिजनों का ही सुख चाहते हैं। दुनिया के बारे में कभी भला नहीं मांगते। ऐसी प्रार्थना ही तामसिक होती है। “कर भला तो हो भला” कोई तुम्हारा बुरा करे तो उसे नजरअंदाज मत करो उसे अपने दिमाग में रखो लेकिन दिल से मत लगाओ क्यों कि दिल से लगाओगे तो फिर तुम्हारा पूरा ध्यान – और शक्ति उसका बुरा करने में लग जायेगी और इस से तुम्हारा और नुकसान होगा जो जैसे करेगे वैसे ही भरेगा उसके लिए तुम्हे अपने समय और शक्ति नष्ट करने कि जरुरत नहीं है। अपने कर्म करो पुरुषार्थ करो दुनिया को कोई ताकत तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ सकती अपने अराध्य कि सच्चे मन से साधना करो और उस पर भरोसा करो .

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