तरुण सागर जी संत प्रवचन

श्री तरुण सागर जी महाराज 23

Written by Bhakti Pravah

मनुष्य की गहरी से गहरी और पहली बीमारी अहंकारहै!
जहाँ अहंकार है, वहां दया झूठी है,
जहाँ अहंकार है, वहां अहिंसा झूठी है,
जहाँ अहंकार है, वहां शांति झूठी है,
और जहाँ अहंकार है, वहां कल्याण
मंगल और लोकहित की बातें झूठी है,
क्योंकि जहाँ अहंकार है, वहां ये सारी की
सारी बातें सिर्फ अहंकार के आभूषण है
सिवा इसके और कुछ भी नहीं है!

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