मनुष्य की गहरी से गहरी और पहली बीमारी अहंकारहै!
जहाँ अहंकार है, वहां दया झूठी है,
जहाँ अहंकार है, वहां अहिंसा झूठी है,
जहाँ अहंकार है, वहां शांति झूठी है,
और जहाँ अहंकार है, वहां कल्याण
मंगल और लोकहित की बातें झूठी है,
क्योंकि जहाँ अहंकार है, वहां ये सारी की
सारी बातें सिर्फ अहंकार के आभूषण है
सिवा इसके और कुछ भी नहीं है!
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