- कोई भी व्यवसाय की शुरुआत करने से पहले अगर आप इन बातों पर गौर करें तो न केवल आपका व्यवसाय अच्छे से चलता रहेगा। बल्कि आप अच्छा-खासा मुनाफा भी उठा लेंगे।
दुकान के भवन में ईशान कोण को बिल्कुल खाली रखें। पानी की व्यवस्था इस कोण में करें। प्रातः दुकान खोलते वक्त पीने का पानी भरकर रखें व पांच तुलसी के पत्तें इस पानी में डालकर रखें। - पूजा स्थान भी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखें।
- ईशान कोण की स्वच्छता ग्राहकों को आकर्षित करती है इसलिए इस स्थान को साफ- सुथरा बनाए रखें।
- दुकान में भारी सामान या जूते-चप्पल ईशान कोण में रखें हुए हैं तो तुरन्त हटा दें क्योकिं ये व्यापार में भारी नुकसान करवाने वाला होता हैं। ऐसा कोई सामान यदि है तो उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में व्यवस्थित करें।
- दुकान में माल का भण्डारण उत्तर दिशा में करें। लंबे समय तक रखे जाने वाले माल को दक्षिण में, स्टॉक खत्म करने वाले माल को वायव्य कोण में स्थान दें।
- अग्नि से संबंधित चीजें बिजली का मीटर, स्विच बोर्ड और इनवर्टर आदि की व्यवस्था आग्नेय कोण में करें।
- सीढ़ियां ईशान कोण के अतिरिक्त किसी भी दिशा में रख सकते हैं।
- दुकान के मालिक का बैठने का स्थान नैऋत्य कोण में या दक्षिण दिशा में इस प्रकार हो कि मुख पूर्व या उत्तर में रहें
दक्षिणमुखी दुकान के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स - दरवाजे के दोनों ओर सिन्दूर व घी को मिलाकर 9 अंगुल लम्बा व 9 अंगुल चौड़ा स्वस्तिक बनाएं।
- दरवाजे के बाहर मोटी व बड़ी पत्तियों वाला सजावटी पौधे को गमले मे लगाएं।
- तुलसी का एक छोटा पौधा भी आग्नेय कोण में स्थापित करें, जिसमें रोज पानी भी दें।
- दरवाजे की सुन्दरता का विशेष ख्यान रखें। सड़ने व जंग न खाने दें।
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