ज्योतिष

विवाह में लग्न की प्रबलता का बड़ा महत्व है

Written by Bhakti Pravah

विवाह में लग्न की प्रबलता का बड़ा महत्व है।शुभ लग्न में हुआ विवाह, सभी प्रकार के दोषो को दूर कर, अच्छे दाम्पत्य जीवन में सुख का प्रकाश देता है।
इन्द्रिय भोग के लिए विवाह नही किया जाता, वंश परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है, साथ ही सुखद जीवन जीने के लिए।
भास्कराचार्य नाम के एक महान् ज्योतिषी थे। उनकी कन्या के विषांगना योग कुंडली में था। उस वेधव्य दोष का निवारण के लिए, विवाह के समय शुद्ध लग्न निकाला। इस लग्न में विवाह होना निश्चित किया गया। इसके लिए एक जल यन्त्र समय के लिए स्थापित किया गया।इसी बीच विवाह के दिन उनकी कन्या उस यन्त्र को देखने, यन्त्र के नजदीक गई और पात्र में झाँकने लगी, जिससे जल बून्द बून्द कर टपक रहा था। उस दौरान उसके नाक का मोती उस जल में गिर गया। फलस्वरूप् पानी के गिरने की गति मन्द हो गई। शुद्ध लग्न
का समय निकल गया। अशुभ लग्न में विवाह हुआ। इसका परिणाम यह हुआ की कन्या विधवा हुई व स्वयं की भी मृत्यु हुई। भास्कराचार्य ने अपनी पुत्री की स्म्रति में उसके नाम पर लीला वती नामक ज्योतिष का ग्रन्थ लिखा ।
आज कल विवाह लग्न को टाला जाता है, नाच गान में समय निकल जाता है। इस कारण वैवाहिक जीवन कष्ट प्रद बनता जारहा है।

इसलिए समय की विशेषता को देखते हुए सभी कार्य विशेष समय पर ही पूर्ण करें

सिर्फ गुरु कृपा केवलं।।
श्री राधे।।

2 Comments

    • आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद अपने भक्ति प्रवाह को पसंद किआ, हम प्रयास करेंगे की आपको बेहतर चीज़े उपलब्ध कराते रहे.

Leave a Comment