मुखाकृति में चेहरा मन का दर्पण है। कहा भी गया है जैसै पिये पानी वैसा हो वाणी तथा जैसे खाएं अन्न वैसा हो मन। हमारा खान-पान हमारे व्यक्तित्व, आचार, व्यवहार को प्रभावित करता है। चेहरे के अंग से व्यक्ति के विचार, दृष्टिकोण व स्वभाव व चरित्र को जानने का। भौहों की संरचना, रंग व आकार का ध्यानपूर्वक अध्यन करना चाहिए वरना निर्णय लेने में चूक हो जाती है।
1. भौहो का रंग सिर के बालों की अपेक्षा हल्का हो तो जातक कंजूस स्भाव के होते हैं। अक्सर अस्वस्थ रहते हैं। यदि भौंहो का रंग सिर के बालों से गहरा होता है तो व्यक्ति चरित्रवाण, भावुक तथा उत्साही स्वभाव वाला, शीघ्र निर्णय लेने वाला दयालू होता है।
2. घनी भौंहों वाले व्यक्ति शीघ्र ही गुस्सा करने वाले होते हैं, क्रोधी स्वभाव के होते है, शीघ्र ही आवेश में आ जाते हैं।
3. यदि भौंहे माथे के बीचो-बीच मिली हों तो ईर्ष्या शक, जिद्द करना, हठ करना तथा अक्खड़ स्वाभव आपका हो जाता है।
4. हल्के रंग की भौंहे यदि आंखों से ऊपर उठी हुई हो स्त्री जैसा स्वभाव पुरुष का होता है। वैचारिक शक्ति का होता है। चिंता भी नहीं करते हैं। जो होगा प्रभु कृपा से ही होगा। ऐसी प्रकृति हो जाती है।
5. संघन भौंहे आपको दृढ़ विचारों वाली, ऊर्जावान तथा स्वस्थ गुर्दे प्रदान करती है।
6. आँखों से लंबी भौंहे अच्छी मानी जाती है। तर्जनी अंगुली की चौड़ाई से आधी चौड़ाई वाली भौंहे आदर्श व शुभ होते हैं।
7. आरंभ में घनी व गोलाई लेते हुए तथा अंत में पतली भौंहे शुभ मानी गई हैं।
8. यदि आँखों और भौंहे के बीच फासला कम हो तो आपको रोजी-रोटी आजीविका के लिए कठोर मेहनत करनी पड़ती है। सफलता कम व मेहनत ज्यादा।
9. यदि आँखों व भौंहों के बीच फासला अधिक हो तो जातक की इच्छायें, कर्म क्षेत्र व सोच में व्यवहारिकता का तालमेल नहीं होता है। भौंहे आपके विचारों को जानने का सरल माध्यम है।
।।जय श्री राधे।।
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