करवा चौथ के मौके पर हर महिला अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि की कामना के साथ व्रत रखती है । पूजा के लिए ना सिर्फ हर विधि-विधान को मानती है बल्कि सोलह श्रृंगार के साथ ईश्र्वर से मनोकामना करती हैं । आइए जानते है कि इस मौके पर हर एक श्रृंगार की वस्तु का जीवन में वास्तविक महत्व क्या है :-
1. शादी का जोड़ा – हिंदू रिवाज के अनुसार शादी का जोड़ा बहुत शुभ होता है । लाल रंग का जोड़ा शुभ माना जाता है । लाल जोड़ा पवित्रता का प्रतीक होता है ।
2. बिंदी – दोनों भवों के बीच एक ऐसी नस होती है जिसे आज्ञा चक्र कहा जाता है । ये हमारी एकाग्रता को नियंत्रित करता है और बिंदी लगाने से एकाग्रता शक्ति संतुलित होती है ।
3. सिंदूर – सिंदूर मां पार्वती और सती की शक्ति का प्रतीक माना जाता है । सिंदूर लगाने से मां पार्वती एक स्त्री की बुरी आत्माओं से रक्षा करती है ।
4. काजल – काजल ना सिर्फ आंखों की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि स्त्री की बुरी नजर से रक्षा भी करता है ।
5. नथ – नथ सिर्फ एक गहना नहीं बल्कि आध्यात्मिकता, प्रभुत्व, ताकत का प्रतीक होती है । यह रक्त संचार को ग्रीवा भाग में स्थित करवाता है ।
6. मांग टीका – यह पति द्वारा प्रदान किये गये सिंदूर का रक्षक होता है ।
7. मंगलसूत्र – कंधे और सिर के बीच का भाग अनेक प्रकार की नाड़ियों से घिरा होता है । रक्त प्रभाव को नियंत्रित करने में मददगार होती है ।
8. कर्ण फूल – कान की नसें स्त्री की नाभि से लेकर पैर के तलवे तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
9. मेंहदी – हार्मोन को प्रभावित करती है साथ ही ये दिमाग को शांत और तेज बनाती है ।
10. चूड़ियां – स्त्री के हाथ में चूड़ियां समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं ।
11. गजरा – गजरे के फूलों की सुंगध मन को तरोताजा और ठंडा रखती है और घर को भी सुगंधित और पवित्र बनाती है ।
12. अंगूठी – हाथों की अंगुलियों में अंगूठी पहनने से नसों में प्रवाहित होते रक्त संचार को नियंत्रित करते है ।
13. कमरबंद – कमरबंद काम में उत्साह व स्फूर्ति का संचार बनाता है ।
14. पाजेब – पाजेब में बजने वाले घुंघरु मन को भटकने से रोकते हैं और पूरे परिवार को शांति और घुंघरू की तरह एक में पिरोकर रखने की शक्ति देते हैं ।
15- बिछिया – बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है ।
16. इत्र – इत्र से घर में सकारात्मकता का प्रभाव रहता है ।
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