*हम मंदिर में नारियल क्यों तोड़ते है*
*यह ये बताता है…..*
*सबसे पहले हम् नारियल का जटा हटाते है,,ये जटा है हमारी इच्छाएं,,जिन्हें सबसे पहले हटाना है*
*फिर उसका कठोर हिस्सा तोड़ते है…..ये है हमारा अहंकार,।।।।जिसे हटाना बहुत जरुरी है।।*
*फिर निकलता है पानी,,,ये हमारे अंदर के नकारात्मक विचार है।। जिनके निकल जाने के बाद फिर आता है प्योर। सफ़ेद गरी,,, जो आत्मा का प्रतीक है…बिना इच्छा,,अहंकार,,और नकारात्मक सोच हटाये हम परमात्मा से नहीं मिल सकते*
*इसीलिए नारियल फोड़ा जाता है भगवांन के सामने*
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