आकर्षण की शक्ति क्या है ? आकर्षण की शक्ति दरअसल प्रेम की शक्ति है ! आकर्षण ही प्रेम है । जब आप अपने प्रिय पकवान के प्रति आकर्षण महसूस करतें हैं, वास्तव में आप उस पकवान से प्रेम करते हैं; आकर्षण नहीं होता, तो आपको कुछ भी महसूस नहीं होता । तब आपके लिए सारे पकवान एक जैसे होते । तब आप यह नहीं जान पाते कि आप किस चीज से प्रेम करते हैं और किससे नहीं करते, क्योंकि आप किसी भी चीज के प्रति आकर्षित नहीं होते । आप किसी खास व्यक्ति, शहर, मकान, कार, खेल, नौकरी, संगीत, पोशाक या अन्य चीज के प्रति आकर्षित नहीं होते, क्योंकि आकर्षण की शक्ति द्वारा ही आप प्रेम को महसूस करते हैं !
“इसे आकर्षण का नियम कह लें या प्रेम का नियम… वे दोनों एक ही हैं ।”
आकर्षण का नियम ही प्रेम का नियम है । यही सर्वशक्तिमान नियम असंख्य आकाशगंगाओं से लेकर अणुओं तक हर चीज को सामंजस्य में रखता है । यह ब्रह्मांड की हर चीज में सक्रिय है और चीज को संचालित करता है और यह नियम आपके जीवन में भी सक्रिय है ।
सार्वभौमिक संदर्भ में आकर्षण का नियम यह कहता है कि समानता से समानता आकर्षित होती है । आपके जीवन के संदर्भ में सरल शब्दों में इसका मतलब यह है कि आप जो देते हैं, वही आपको वापस मिलता है । आप जीवन में जो देते हैं, वही आपको मिलता है । आप जो भी देते हैं, आकर्षण के नियम द्वारा उसे ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं ।
“हर क्रिया की समान और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है ।”
देने की हर क्रिया पाने की प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है । आपने जो चीज दी है, उसी के समान चीज आपको मिलती है । आप जीवन में जो भी देते हैं, वह आपकी ओर अवश्य लौटता है । यहीं सृष्टि का गणित है ।
अगर आप सकारात्मकता देते हैं, तो बदले में आपको सकारात्मक चीजें मिलती हैं । अगर आप नकारात्मकता देते हैं, तो बदले में आपको नकारात्मक चीजें मिलती हैं । सकारात्मकता देंगे , तो अच्छी चीजों से भरा जीवन मिलेगा । नकारात्मकता देंगे, तो बुरी चीजों से भरा मिलेगा । सवाल यह उठता है कि आप सकारात्मकता या नकारात्मकता देते कैसे हैं ? इसका जवाब सरल है – अपने विचारों और भावनाओं के द्वारा !
हर पल आप या तो सकारात्मक विचार दे रहे हैं या फिर नकारात्मक विचार दे रहे हैं । आप या तो सकारात्मक भावनाएं दे रहे हैं या फिर नकारात्मक भावनाएं दे रहे हैं । और वे सकारात्मक हैं या नकारात्मक, इसी से यह तय होता है कि आपको जीवन में क्या मिलता है । आपके विचारों और भावनाओं द्वारा ही आपकी ओर आकर्षित होती हैं । जीवन में कुछ भी संयोगवश नहीं होता। आप जो देते हैं, उसी के आधार पर आपको जीवन में हर चीज मिलती है ।
“दोगे, तो तुम्हें भी दिया जाएगा… क्योंकि तुम्हारे पैमाने के हिसाब से ही तुम्हें प्रतिदान मिलेगा ।”
आप जो देते हैं — वही पाते हैं । मकान बदलने वाले किसी दोस्त की मदद करेंगे, तो निश्चित रुप से आपको भी बिजली की गति से मदद मिलने लगेगी । परिवार के किसी सदस्य पर क्रोधित होंगे, तो वह क्रोध आपके जीवन की नकारात्मक परिस्थितियों के रुप में आपकी ओर लौटेगा ।
आप अपने विचारों और भावनाओं से अपने जीवन का सृजन कर रहे हैं । आप जो भी सोचते और महसूस करते हैं, उसी से आपके जीवन की हर घटना, हर परिस्थिति, हर अनुभव का निर्माण होता है । यदि आप यह सोचते और महसूस करते हैं, “आज का दिन बहुत मुश्किल और तनावपूर्ण होगा”, तो आप अपनी ओर ऐसे लोगों, परिस्थितियों और घटनाओं को आकर्षित करेंगे, जिनकी वजह से आपका दिन सचमुच मुश्किल और तनावपूर्ण बन जाएगा ।
दूसरी ओर, यदि आप यह सोचते और महसूस करते हैं, “मेरा जीवन बेहतरीन है,” तो आप ऐसे लोगों, परिस्थितियों और घटनाओं को आकर्षित करेंगे, जो आपके जीवन को सचमुच बेहतरीन बना देंगे ।