पथरी भारत में एक आम बीमारी के रूप में उभरकर सामने आ चुकी है। जहां पहले पथरी के मरीज कभी-कभी सुनने को मिल जाते थे। वहीं अब हर दूसरा व्यक्ति पथरी की बीमारी से ग्रस्त होता है। पथरी एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ती है। सामान्यत: पथरी हर उम्र के लोगों में पाई जाती है, लेकिन फिर भी यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक तकलीफ देने वाली होती है।
पथरी के लक्षण
कब्ज या दस्त का लगातार बने रहना , उल्टी जैसा होना बैचेनी, थकान, तीव्र पेट दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बने रहना। मूत्र संबंधी संक्रमण साथ ही बुखार, कपकपी, पसीना आना, पेशाब के साथ-साथ दर्द होना ,बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में खून भी आ सकता है, पेशाब का रंग असामान्य होना।
पथरी से बचने के तरीके
1. आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन व सोडियम की मात्रा कम हो।
2. चाॅकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक आदि का सेवन बहुत ज्यादा न करें।
3. आवश्यकता से अधिक कोल्डड्रिंक्स भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
4. विटामिन-सी की ज्यादा मात्रा न लें।
5. नारंगी का रस (जूस) लेने से पथरी का खतरा कम होता है।
6. हर महीने में पांच दिन एक छोटी चम्मच अजवाइन लेकर उसे पानी से निगल जाएं।
पथरी के कुछ देसी इलाज
1. रोजाना एक गाजर खाने से मूत्र पिंड में फंसी हुई पथरी भी बाहर निकल जाती है।
2. तुलसी के बीज को हिमजीरा, चीनी तीनों को बराबर मात्रा में पीसकर रोज एक चम्मच दूध के साथ लेने से पथरी निकल जाती है।
3. जीरे को मिश्री या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
4. एक मूली को खोखला करने के बाद उसमे बीस-बीस ग्राम गाजर शलगम के बीज भर दें, उसके बाद मूली को भून लें, फिर मूली से बीज निकाल कर पीस लें। सुबह पांच या छ: ग्राम पानी के साथ एक माह तक लेते रहें,पथरी में फायदा मिलेगा।
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