[३] शतभिषा नक्षत्र में केले की जड़ लेकर शहद के साथ पीने पर ताप नहीं होता है |
[४]कृतिका नक्षत्र में रोहिस की जड़ लाकर पास में रखने पर अग्नि से भय कम होता है |
[५]आश्लेषा नक्षत्र में धतूरा की जड़ लेकर घर की देहली में रखने पर सांप घर में नहीं आता है |
[६] पुर्वाषाढा नक्षत्र में शहतूत की जड़ लेकर स्त्री को पिलाने पर योनी संकोच नहीं होती है |
[७]पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ लाकर दूध में घिसकर पिलाने से बाँझ स्त्री को पुत्र प्राप्त हो सकता है |
[८]उत्तराषाढा नक्षत्र में पीपल की जड़ लेकर पास में रखने पर मनुष्य युद्ध में जीत जाता है |
[९]रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि में नग्न होकर ,नगद बावची की जड़ लाकर पास में रखने पर वीर्य नहीं चलता है |
[१०]आर्द्रा नक्षत्र में अर्क की जड़ लाकर ताबीज में डालकर पास में रखने पर झूठी बात सच हो सकती है |
[११]चित्रा नक्षत्र में गुलाब की जड़ लेकर पास में रखे तो शरीर में कष्ट नहीं होता है |
[१२]श्रवण नक्षत्र में आंवले की जड़ ,नागार्बेल के रस में पिए तो स्त्री नवयौवन प्राप्त करती है |
[१३]रेवती नक्षत्र में बड की जड़ लेकर माथे पर रखे तो दृष्टि चौगुनी होती है |
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