धनुरासन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद योग है। इस योग में शरीर को धनुष के आकार की तरह बनाया जाता है। इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। धनुरासन के क्या फायदे हैं :
इस योग को और किस तरह से करना चाहिए ये रोग आइये जानते हैं।
1. जमीन पर दरी बिछाएं।
2. अब पेट के बल लेटें।
3. धीरे-धीरे घुटनों की एड़ियों को हाथों से पकड़कर पैरों को उपर की तरफ ले जाएं।
4. अब दोनों हाथों से दोनों पैरों को पीछे की तरफ खीचें। और श्वांस अंदर खीचें।
5. अपनी क्षमता के अनुसार सिर और जांघो को उपर की तरफ उठाने की कोशिश करें।
6. यह आसन 10 से 25 सेकंड तक करें और धीरे-धीरे इसके समय को बढ़ाएं।
7. इस आसन की अवस्था में आपको लंबी सांसे लेनी है और छोड़नी है।
8. जो लोग जांघो को नहीं उठा सकते हैं वे केवल अपना सिर उठाएं।
9. धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए वापस पेट के बल वाली अवस्था में आएं।
क्या-क्या लाभ है धनुरासन के –
यह आसन शरीर को कई बीमारियों और हड्डीयों से संबंधित समस्याओं से निजात दिलाता है।
1. धनुरासन करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है।
2. यह आसन रीढ़ की हड्डी के दर्द में लाभदायक होता है।
3. अपच, अजीर्ण और पेट के विकारों को दूर करता है।
4. इस आसन का सबसे बड़ा फायदा है कि यह चर्बी को कम करता है जिस वजह से मोटाप नहीं होता ।
5. यह आसन कंधों और पैरों को मजबूत बनाता है।
6. महिलाओं मे मासिक धर्म से संबंधित रोगों को यह आसन दूर करता है।
धनुरासन करते समय की सावधानियां
1. गर्भवती महिलाओं को यह योग नहीं करना चाहिए।
2. जिन लोगों को पेट में अल्सर, हर्निया, सिरदर्द, आंतो की समस्या, माइग्रेन, गर्दन पर चोट व हाइ ब्लडपे्रशर की समस्या है वे इस आसन को न करें।
3. वे लोग जिन्हें कमर का दर्द अधिक रहता हो वे इस आसन को बिल्कुल सरलता और आराम से करें।
धुनरासन, शलभासन और भुजंगासन का एक ही क्रम है। यानि ये योग एक दूसरे से जुड़े हुए योग हैं। ये आसन इंसान को आपनी शरीर की क्षमता को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए। धनुरासन करने से कई फायदे आपको मिलते हैं लेकिन इसके लिए यह भी जरूरी है कि आप किसी योग विशेषज्ञ की रेख देख में ही इन आसनों को करें। भक्ति प्रवाह का प्रयास है आपको स्वस्थ बनाए रखना।
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