स्कीन से जुड़ी बीमारियां भी कई बार गंभीर समस्या बन जाती है। ऐसी ही एक समस्या है एक्जीमा या दाद पर होने वाली खुजली और जलन दाद से पीडि़त व्यक्ति का जीना मुश्किल कर देती है|
— दाद को किसी कठोर कपड़े से या बर्तन साफ करने के स्क्रबर से दाद को खुजाए। उस पर यह तेल लगा कर पीपल या केले के पत्ते का टुकड़ा रख कर पट्टी बांध दे।
— बाजार से 50 ग्राम गंधक ले आए। ये आपको जड़ी बूटी बेचने वाले से मिल जाएगी। शुद्ध गंधक लेने की जरूरत नहीं है। इसे बारीक पीस ले। लगभग 6-9 इंच चौड़ा और 12-18 इंच लंबा सूती कपड़े का टुकड़ा ले। यह पुराने बानियान का भी ले सकते है। इस टुकड़े पर गंधक फैला दे। फिर इसका इस तरह रोल/रस्सी बनाए की गंधक बाहर न निकले। फिर इसे सूती धागे से इस तरह बांध दे कि लटकाने पर भी कपड़े कि रस्सी से गंधक बाहर न निकले। अब इसे एक 2 फुट लंबी लकड़ी कि छड़ी से बांध दे। उसके बाद उस गंधक वाले कपड़े की रस्सी पर इतना सरसो के तेल लगाए कि यह और अधिक तेल न सोख सके।
अब उस कपड़े रस्सी के नीचे बड़ी कटोरी रख कर उस कपड़े की रस्सी को आग लगाए। इस प्रकार जलाने से जो तेल नीचे बर्तन मे टपके उसे सफाई से एक काँच की बोतल मे रखे। यदि जले हुए कपड़े का कोई टुकड़ा बर्तन मे गिर जाए तो तेल को छान लें।
खुले घाव पर यह तेल न लगाए। यह केवल बाहरी प्रयोग के लिए हैं। आंखो मे यह तेल न जाने पाए।
–जिद्दी और रुखे दाद के लिये:-
पलाश के बीज….;मुर्दाशंख ….;सफ़ेदा ….; कबीला ….; मैनशिल …; माजु फ़ल ( सभी सामान आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बेचने वाले पंसारी से ले )
उपरोक्त सभी वस्तुए सामान मात्रा में ले फिर करन्ज के पत्तों का रस और निम्बु का रस, इनसे भावना देकर सारा दिन मर्दन करें । अब बस औषधि तैयार है । इन सब की गोली बनाकर सुखा ले और गुलाब जल के साथ घीस कर प्रभावित स्थान पर लगा ले ।
— त्रिफ़ला को तवे पर एक जला ले ( त्रिफ़ला को तवे पर रख कर उस पर कटोरी उलटी कर के रख दे ताकि धुवां त्रिफ़ला की भस्म मे ही रम जाए) फ़िर उसमे कुछ फ़िटकरी मिला कर और वनस्पतिक घी, कुछ देसी घी, सरसो का तैल, और कुछ पानी , सबकी समान मात्रा होनी चाहिये , इन सब को मिलाकर इनको खरल मे अच्छी तरह मर्दन करे , और मलहम बना ले । बस आपकी क्रीम तैयार , पकने वाले और स्राव युक्त दादों पर इसे लगाए ।
-समुद्र के पानी से प्रतिदिन नहाने से एक्जिमा ठीक हो जाता है।
– नमक का सेवन कम कर दें। हो सके तो कुछ समय तक नमक का सेवन बंद ही कर दें।
– दाद पर अनार के पत्तों को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
– दाद को खुजला कर दिन में चार बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाते हैं।
– केले के गुदे में नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
– चर्म रोग में रोज बथुआ उबालकर निचोड़कर इसका रस पीएं और सब्जी खाएं।
– गाजर का बुरादा बारीक टुकड़े कर लें। इसमें सेंधा नमक डालकर सेंके और फिर गर्म-गर्म दाद पर डाल दें।
– कच्चे आलू का रस पीएं इससे दाद ठीक हो जाते हैं।
– नींबू के रस में सूखे सिंघाड़े को घिस कर लगाएं। पहले तो कुछ जलन होगी फिर ठंडक मिल जाएगी, कुछ दिन बाद इसे लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
– हल्दी तीन बार दिन में एक बार रात को सोते समय हल्दी का लेप करते रहने से दाद ठीक हो जाता है।
– दाद होने पर गर्म पानी में अजवाइन पीसकर लेप करें। एक सप्ताह में ठीक हो जाएगा।
– अजवाइन को पानी में मिलाकर दाद धोएं।
– दाद में नीम के पत्तों का १२ ग्राम रोज पीना चाहिए।
– दाद होने पर गुलकंद और दूध पीने से फायदा होगा।
– नीम के पत्ती को दही के साथ पीसकर लगाने से दाद जड़ से साफ हो जाते है।
Leave a Comment