डायबिटीज का नाम सुनते ही लोग इसे लाइलाज समझकर जीवन भर दवाईयों के भरोसे रहने की सोचते हैं। लेकिन आयुर्वेद में कुछ फलों और सब्जियों के पत्तियों को डायबिटीज से लड़ने में कारगर माना जाता है। इनका सेवन ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखने और इनसुलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद साबित होता है।
जामुन की पत्ती – भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में हुए कई अध्ययनों में जामुन की पत्ती में मौजूद ‘माइरिलिन’ नामक तत्व खून में शुगर का स्तर घटाने में कारगर पाया गया है। विशेषज्ञ ब्लड शुगर बढ़ने पर सुबह जामुन की चार से पांच पत्तियां पीसकर पीने की सलाह देते हैं। और जब शुगर काबू में आ जाए तो इसका सेवन बंद कर दें।
करी पत्ता – करी पत्ते में मौजूद आयरन, जिंक और कॉपर जैसे मिनरल न सिर्फ अग्नाशय की बीटा-कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, बल्कि उन्हें नष्ट होने से भी बचाते हैं। इससे ये कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन तेज कर देती हैं। डायबिटीज पीडितों के लिए रोज सुबह खाली पेट 8-10 करी पत्ते चबाना फायदेमंद है।
नीम की पत्ती – आंत को ग्लूकोज सोखने से रोकने के अलावा नीम की पत्ती इंसुलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता भी बढ़ाती है। इसके सेवन को डायबिटीज की दवाओं पर निर्भरता घटाने में कारगर माना गया है। विशेषज्ञ रोज सुबह खाली पेट नीम की ताजी पत्तियां पीसकर उनसे एक चम्मच रस निकालकर पीने की सलाह देते हैं।
आम की पत्तियां – डायबिटीज के मरीजों को आम के सेवन से बचने की सलाह देते हैं, लेकिन इसकी पत्तियां बीमारी की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकती हैं। दरअसल, आम की पत्तियां ग्लूकोज सोखने की आंत की क्षमता घटाती हैं। इससे खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। आम की पत्तियां सुखाकर पाउडर बना लें। खाने से एक घंटे पहले पानी में आधा चम्मच घोलकर पीएं।
तुलसी की पत्तियां – पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने वाली तुलसी की पत्तियां अग्नाशय की बीटा-कोशिकाओं की गतिविधियों को सुचारु बनाए रखती हैं। इससे ये कोशिकाएं सही मात्रा में इनसुलिन का उत्पादन करती हैं और ब्लड शुगर का स्तर काबू में रहता है। डायबिटीज पीडितों के लिए रोज सुबह खाली पेट 2 से 4 तुलसी पत्तियां चबाना फायदेमंद है।
पपीते के पत्ते – एएलटी और एएसटी एंजाइम का स्तर घटाने में पपीते की पत्तियां कारगर हैं। इससे इनसुलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता बढ़ती है और ग्लूकोज तेजी से ऊर्जा में तब्दील होने लगता है। लिवर बढ़ने, किडनी खराब होने का खतरा कम करने में भी पपीते की पत्तियां असरदार हैं। रोज सुबह पपीते की 8 से 10 पत्तियां पानी में उबालकर पीएं
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