तर्जनी अंगुली- आपको बता दें कि तर्जनी अंगुली के नीचे के भाग को गुरु पर्वत कहते हैं इसी वजह से इसे गुरु की अंगुली भी कहा जाता है| इससे व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता, महत्वाकांक्षा आदि पर विचार किया जाता है।
मध्यमा अंगुली- मध्यमा अंगुली को शनि की अंगुली भी कहा जाता है| अगर किसी व्यक्ति की मध्यमा अंगुली नुकीली हो तो व्यक्ति आलसी स्वभाव का होता है, वहीँ अगर जिस व्यक्ति की इस अंगुली का सबसे ऊपर का भाग चमकदार हो तो व्यक्ति अच्छा वक्ता, प्रभावशाली होता है।
अनामिका अंगुली- अनामिका अंगुली सूर्य की अंगुली कहलाती है। इस अंगुली के बारे में यह कहा जाता है कि अगर यह अंगुली मध्यमा अंगुली से बड़ी हो तो व्यक्ति जोखिम उठाने वाला होता है।
अनामिका और तर्जनी बराबर हो तो व्यक्ति में मान-सम्मान और धन कमाने की तीव्र इच्छा होती है।
कनिष्ठिका अंगुली – इस अंगुली को बुध की अंगुली कहा जाता है। इस अंगुली की अच्छी-बुरी अवस्था से व्यक्ति की बुद्धि और कला आदि पर विचार किया जाता है।
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