जीवन में आगे बढ़ना है तो आपको कर्म और भाग्य दोनों की जरूरत पड़ती है। कई बार ऐसा होता है कि आप बहुत मेहनत करते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती ऐसे में आप भाग्य को ही कोसते हैं। कर्म और भाग्य का साथ जिस इंसान को मिल जाए वो हर बाधा से पार पा लेता है।
आपका हाथ बताता है कि आपका भाग्य कैसा होगा। सबकुछ हाथ की लकीरों का ही खेल होता है। भाग्य की लकीर आपको राजा भी बना सकती है और फकीर भी।
हाथ में यहां होती है भाग्य रेखा…
भाग्य रेखा जीवन रेखा, मणिबंध, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा या चंद्र पर्वत से शुरू होकर शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है) की ओर जाती है।
क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा…
1. अगर किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से शुरू होकर शनि पर्वत तक गई हो और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसे लोग जीवन में सफलताएं प्राप्त करते हैं।
2. अगर हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से शुरू हो तो व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है।
3. जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है, वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं।
4. अगर चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है। वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है।
5. अगर भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली तक जा पहुंचे तो यह अशुभ योग दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है।
6. अगर भाग्य रेखा किसी स्थान पर जीवन रेखा को काट दे तो उस आयु में व्यक्ति को कोई अपमान या कलंक झेलना पड़ सकता है।
7. भाग्य रेखा हथेली के शुरू से जितनी अधिक दूरी से शुरू होती है, व्यक्ति का भाग्योदय उतने ही देरी से होता है।
8. भाग्य रेखा टूटी हुई या अन्य रेखाओं से कटी हुई हो तो यह भाग्यहीनता का संकेत है।
9. भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति प्रेम संबंध के कारण असफलताएं प्राप्त करता है, लेकिन यह रेखा हृदय रेखा के साथ गुरु पर्वत तक जा पहुंचे तो वह व्यक्ति प्रेम संबंध से सफलताएं प्राप्त करता है।
10. हथेली में दो भाग्य रेखाएं बहुत शुभ होती है।
11. अगर भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति खुद की गलती से असफलताएं प्राप्त करता है।
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