यदि केतु इस घर में शुभ है, तो जातक श्रमसाध्य, अमीर और खुशहाल होगा। लेकिन अपनी संतान की वजह से हमेशा चिंतित और परेशान होगा। वह लगातार स्थानान्तरण या यात्रा डरा रहेगा लेकिन अंत में यह हमेशा ये स्थगित हो जाया करेंगे। जब वर्ष कुंडली में केतू पहले घर में आता है तो जातक के घर पुत्र या या भतीजे का जन्म हो सकता है। लम्बी यात्रा भी हो सकती है। सूर्य की उच्चता के कारण ऐसा जातक हमेशा अपने माता पिता और गुरुजनों के लिए फायदेमंद होगा। यदि पहले घर में केतु अशुभ हो तो जातक सिर दर्द से पीड़ित होगा। उसकी पत्नी स्वास्थ्य समस्याओं और बच्चों से संबंधित चिंताओं से ग्रस्त होगी। यदि दूसरा और सातवां घर खाली हो तो बुध और शुक्र भी बुरे परिणाम देते हैम। बिना फायदे के स्थानांतरण और यात्राएं होंगी। यदि शनि नीच का हो तो यह पिता और गुरु को नष्ट करेगा। यदि सूर्य सातवें या आठवेम स्थान में हो तो पोते के जन्म के बाद स्वास्थ्य खराब रहेगा। सुबह और शाम के समय भीख नहीं देनी चाहिए।
उपाय:
(1) बंदरों को गुड़ खिलायें।
(2) केसर का तिलक लगाएं।
(3) यदि संतान से परेशान है तो मंदिर में काले और सफेद रंग वाला कंबल दान करें।
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