सप्ताह का हर दिन स्वयं में मंगलकारी होता है. मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए हम व्रत-उपवास का सहारा ले सकते है. इसके साथ यह तमाम रोग और व्याधियों को दूर करने में भी सहायक होता, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्म के अनुसार सप्ताह में एक उपवास अवश्य रखना चाहिए.
* सोमवार- ज्यादा उग्र स्वभाव वाले अथवा अधिक क्रोध करने वाले व्यक्ति को सोमवार का उपवास रखना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार सोमवार का दिन चंद्रमा का होता है. इसी दिन सूर्य-पृथ्वी और चंद्रमा की अवस्था इस तरह की होती है कि हमारे शरीर पर उसका शांतिदायक प्रभाव पड़ता है.
* मंगलवार- मंगल से पीड़ित व्यक्ति को मंगलवार का उपवास एवं हनुमान जी की आराधना अवश्य करनी चाहिए. हर कार्य में मंगलकारी परिणाम प्राप्त करने के लिए मंगलवार का उपवास रखना चाहिए.
* बुधवार- कमजोर मस्तिष्क वाले एवं आत्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को बुधवार के दिन उपवास रखना चाहिए. यह भगवान गणेश का दिन माना गया है और श्रीगणेश बुद्धि के दाता है. बुधवार का दिन बुद्धि प्राप्ति का दिन होता है.
* गुरुवार- बृहस्पति, देवताओं के गुरु हैं. उथली व छिछली मानसिकता वाले व्यक्ति को बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य रखना चाहिए.
* बृहस्पति- सत्व गुणी हैं तथा ज्ञान, अच्छे एवं सकारात्मक विचार और शिक्षण का प्रतिनिधित्व करते हैं.
* शुक्रवार- शीघ्रपतन, प्रमेह रोग के रोगियों को शुक्रवार के दिन उपवास रखना चाहिए क्योंकि शुक्रवार ओज, तेजस्विता, शौर्य, सौंदर्यवर्धक और शुक्रवर्धक होता है. ज्योतिष के अनुसार शुक्र देव शुक्रवार के स्वामी हैं. वे धन, खुशी, सौंदर्य और प्रजनन का प्रतिनिधित्व करते हैं.
* शनिवार- समस्त दुखों एवं परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए शनिवार के दिन उपवास रखना चाहिए. भगवान शनि आपके समस्त परेशानियों को दूर करने में आपकी सहायता करते हैं.
* रविवार- अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए. रविवार सूर्य का दिन होता है और सूर्य सभी ग्रहों के मुखिया है.
नोट-जो ग्रह मजबूत हो उस दिन का उपवास नहीं करना चाहिए।
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