1 सर्दी में दमा और खांसी
सर्दी होने से हमारी नाक गला सभी बंद हो जाता है और हमें सांस लेने तक में कठिनाई होती है| कई बार सर्दी तो ठीक हो जाती है, लेकिन खांसी पीछा नहीं छोड़ती, और ये खांसी बिना कफ के सूखी होती है| दमा के रोगियों को भी सर्दी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अलसी की चाय के सेवन से आप इस परेशानी से बच सकते है
2 अलसी के गुण
अलसी में विटामिन बी एवं कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, लोहा, जिंक, पोटेशियम आदि खनिज लवण होते हैं।अलसी में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 नाम के अम्ल होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार अलसी के बीज वात, पित्त और कफ को संतुलित करते हैं। खाँसी होने पर अलसी की चाय पीएं। सर्दी, खाँसी, जुकाम, दमा आदि में यह चाय दिन में दो-तीन बार सेवन की जा सकती है।
3 अलसी की चाय
एक चम्मच अलसी पावडर को दो कप (360 मिलीलीटर) पानी में तब तक धीमी आँच पर पकाएँ जब तक यह पानी एक कप न रह जाए। थोड़ा ठंडा होने पर शहद, गुड़ या शकर मिलाकर पीएँ। दमा रोगी एक चम्मच अलसी के पाउडर को आधा गिलास पानी में 12 घंटे तक भिगो दे और उसको सुबह-शाम छानकर सेवन करे तो काफी लाभ होता है। गिलास काँच या चाँदी का होना चाहिए। पानी को उबालकर उसमें अलसी पाउडर मिलाकर चाय तैयार करें।
4 सर्दी में अलसी के अन्य फायदे
अलसी में कुछ मात्रा में चीनी, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, जिंक फॉस्फोरस भी पाया जाता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल व सोडियम की मात्रा अत्यंत कम तथा रेशे की मात्रा प्रचुर होती है। अलसी में पाए जाने वाले ये तत्व कैंसररोधी हार्मोन्स को प्रभावी बनाते हैं, विशेषकर पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर व महिलाओं में स्तन कैंसर की रोकथाम में अलसी का सेवन कारगर है।रक्त में शर्करा तथा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जोड़ों का कड़ापन कम करता है।
5 सावधानी
किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ की तरह अलसी का अधिक सेवन भी आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित रूप से अलसी के केवल दो चम्मच का ही सेवन करना चाहिए। यानी इसकी लगभग 30 से 60 ग्राम मात्रा तक प्रतिदिन ली जा सकती है।
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